राम सिता के विवाह पश्चात कन्यादान करने वालों का तांता लगा | Ram sita ke vivah pashchath kanyadan karne walo ka tanta laga

राम सिता के विवाह पश्चात कन्यादान करने वालों का तांता लगा

राम सिता के विवाह पश्चात कन्यादान करने वालों का तांता लगा

मेघनगर (जिया उल हक क़ादरी) - कथा के पांचवे दिन चंदनबाला शर्मा ने बताया साईं महिला मंडल एवं माता दी ग्रुप मेघनगर राम विवाह की बहुत अच्छे से तैयारी की है आचार्य श्री नरेश शर्मा द्वारा राम जन्म की पुनरावृति के पश्चात् अपनी मधुर वाणी में चारों भाइयों राम लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न के बाल काल की लीलाओं का बहुत ही सुंदर तरीके से वर्णन किया गया राजा दशरथ तीनों रानियों की गोद में चारों बालकों को देखकर राजा दशरथ एवं रानी का खुशी का परावर नहीं था वशिष्ठ ऋषि ने भी आकर श्री राम प्रभु के दर्शन कर अपनी सुध बुध खो बैठे राम जन्म के लिए सूर्य देवता स्थिर हो गए विश्वामित्र के साथ राक्षसों का नाश करने के लिए राम और लक्ष्मण उनके साथ ऋषि आश्रम गए तथा कई राक्षसों का नाश किया अंत में विश्वामित्र के कहने पर श्री राम ने अपने पैरों से देवी अहिल्या का उद्धार किया सभी भाइयों ने गुरु आश्रम में रहकर धनुष विद्या का अध्ययन किया वहीं पर राजा जनक की विवाह की पत्रिका प्राप्त होने पर गुरु के साथ चारों भाई जनकपुरी जाकर श्री राम ने सीता का वर्णन कि चारों भाइयों को भी आज राम विवाह कि मधुर बेला सब आनंदित थे राम सिता के विवाह के पश्चात कन्यादान करने वालों का तांता लगा रहा जिसमें श्रीमती जयश्री पडियार कंचन भाई सुशीला भान पूरिया मीना बाई पडियार ने कन्यादान किया तत्पश्चात सीमा सुरेश चंद्र जैन द्वारा राम सिया को वस्त्र सोने चांदी की रकम मिठाई देखकर कन्यादान किया बाद में सीमा सुरेश चंद जैन द्वारा कथावाचक नरेंद्र शर्मा को श्रीफल साल देकर उनका सम्मान किया और जितने भी संगीत मंडली के सदस्यों को साल श्रीफल देकर सब का आशीर्वाद लिया समाजसेवी सुरेश चंद्र जैन द्वारा आए हुए भक्तों का स्वागत कर सबको फरियाली खिचड़ी एवं प्रसाद का लाभ उठाया कथा में भूपेश प्रीतेश भान पूरिया एवं सचिन प्रजापत अनिल कोठारी हार्दिक कोठारी द्वारा सभी भक्तों को प्रसाद एवं खिचड़ी वितरित की गई।

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