पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में नई पहल, प्लास्टिक की बोतलों के एकत्रितकरण हेतु बनाए पोट, ‘‘ऑल इन वन’’ का अभियान | Paryavaran sanrakshan ke shetra main nai pahal
पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में नई पहल, प्लास्टिक की बोतलों के एकत्रितकरण हेतु बनाए पोट, ‘‘ऑल इन वन’’ का अभियान
झाबुआ (अली असगर बोहरा) - पर्यावरण संरक्षण के प्रति आओ जागरूकता फैलाएं, आओ भारत को विष्व का सबसे स्वच्छ देष बनाएं, के तहत पर्यावरण प्रेमी ग्रुप ‘‘ऑल इन वन’’ ने नई पहल की हे। जिसमें शहर की दुकानों से प्लास्टिक बोतलों के एकत्रितकरण हेतु पोट तैयार किए गए। यह पोट वेस्टेज प्लास्टिक सामग्रीयों से ही बनाए गए है। इसमें दुकानदारांं से वेस्ट प्लास्टिक सामग्रीयां एकत्रित करवाने से बाजार में इन प्लास्टिक के कारण कचरा एवं गंदगी जमा नहीं होगा। साथ ही वेस्ट सामग्रीयों, विषेषकर प्लास्टिक बोतलों का उपयोग ऑल इन वन ग्रुप अन्य सामग्रीयां बनाने में करेगा।
पर्यावरण के क्षेत्र में यह अनोखी पहल (योजना) शारदा विद्या मंदिर के उच्च श्रेणी शिक्षक राजेष चौहान के मार्गदर्षन में तैयार की गई है। जिसमें वेस्टेज लगभग 500 पानी के पाऊच, गुटका पाऊच की पन्नीयों आदि का उपयोग करते हुए दो पोट (डस्टबिन) के रूप में तैयार किए गए, जिन्हें बनाने का कार्य ग्रुप में सदस्यों में श्रीमती दीपशिखा तिवारी, कुलदीप पंवार, रोशनी चौहान, भूमिका पाल, गोपाल चौहान, शिवम चौहान, देवेन्द्रसिंह चौहान द्वारा किया गया है। दो पोट (डस्टबिन) तैयार होने के बाद इसे शहर के रेस्टोरेंट, किराना-एव्हरफ्रेष दुकान पर प्रदान किए गए है, क्योकि इन दुकानों पर पॉलिथीन के रूप में बोतलो, वेफर, कुरकुरे, पाउच, पॉलिथीन का इस्तेमाल अधिक होता है, जो व्यर्थ होने पर व्यापारियों एवं ग्राहकों द्वारा बाहर सड़कों एवं नालियों में फैंकने की जगह डस्टबिनों में डालने से गंदगी नहीं फैलेगी एवं पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र मे भी कार्य होगा।
वेस्ट बोतलों का होगा उपयोग
ग्रुप संचालिका योगिता पाठक ने बताया कि उक्त कार्य से एक ओर जहां पर्यासरंक्षण के क्षेत्र में कार्य होगा, तो वहीं जो डस्टबिनों में डाली प्लास्टिक बोतले प्राप्त होगी, उसका बड़े स्तर अन्य सामग्रीयां बनाने में उपयोग ग्रुप द्वारा किया जा सकेगा। ज्ञातव्य रहे कि योगिता पाठक द्वारा अपने घर पर बच्चों को वेस्टेज सामग्रीयों से विभिन्न नई वस्तुएं बनाने का सत्त प्रषिक्षण पिछले लंबे समय से दिया जा रहा है। उसी के तहत उक्त पहल भी की गई है।
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