मकर संक्रांति पर्व पर पूजा-अर्चना, दानपुण्य तथा खेलकुद का दोर चलता रहा
श्रद्धा एवं उल्लास के साथ मनाई गई मकर संक्रांति
आलीराजपुर (रफीक क़ुरैशी) - मकर संक्रांति का पर्व बुधवार को श्रद्धा एवं उल्लास से मनाया गया। इस बार 14 जनवरी गुरुवार की अर्ध्य रात्रि को सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के पश्चात 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई गई। सुबह से रात तक आस्था का माहौल रहा। श्रद्धालुओं ने सुबह स्नान कर भगवान सूर्यदेव को अर्ध्य दिया और पूजा-अर्चना कर भगवान को तिल, गुड़ अर्पित किया। दानपुण्य करने का सिंलसिला दिनभर चलता रहा। बुजुर्गों ने भारतीय संस्कृति के अनुसार दान-पुण्य किया, वहीं बच्चों और युवाओं ने स्कुल मेदान ओर फतेह क्लब मैदान में पतंगबाजी एवं गुल्ली डंडे का मजा लिया। मकर संक्रांति पर्व का खास उल्लास बच्चों में नजर आया। बच्चों ने बड़ी संख्या में पतंग उड़ाकर पर्व की खुशी मनाई। सुबह से ही बच्चों की भीड़ पतंग की दुकानों पर लग गई। घरों की छतों पर से पतंगे उड़ाने एवं पेंच लड़ाने का सिलसिला दिन भर चलता रहा। बच्चों द्वारा शुरू की गई पतंग बाजी में बाद में बड़े भी शामिल हो गए। महिलाओं का दिन तिल-चकती बनाने और खिलाने में बीता। इससे पहले स्नान कर सूर्य का अधर्य दिया गया। आसमान से कटकर नीचे आने वाली पतंग को लूटने के भी नजारे जगह-जगह दिखाई दिए। जब कभी मुख्य बाजारों में कटकर पतंग आती दिखती तो राहगीर के साथ कुछ व्यापारी भी उन्हें पकड़ने दौड़ते दिखे। जबकि कुछ बच्चे सुबह से लेकर शाम तक कटी हुई पतंग को लूटने के लिए ही दौड ़भाग करते रहे। इस दौरान बच्चे अपनी सुरक्षा का भी ध्यान नहीं रख रहे थे। बुधवार को गली मोहल्लांे मंे दिनभर गिल्ली डंडे का दौर चला। युवाआंे की टोलिया टीम बनाकर गिल्ली डंडे खेलते नजर आए। पुरूषों के साथ महिलाआंे और युवतियो ने भी खेल लुत्फ उठाया। पशुआंे को चारा खिलाने का महत्व होतो है। जिसके चलते सुबह से ही मवेशियों को चारा खिलाया गया। कुछ लोगो ने सब्जी मार्केट से हरे चने खरिदकर खिलाए। वहीं लोगो द्वारा गरीबांे को कपड़े, तील व खाना भी दानपुर्ण किया गया।
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