गुरू सप्तमी के शुभ अवसर पर मदर टेरसा आश्रमवासियों को किए कंबल भेंट | Guru saptami ke shubh awsar pr mother theresa ashram vasiyo ko kiye kambal

गुरू सप्तमी के शुभ अवसर पर मदर टेरसा आश्रमवासियों को किए कंबल भेंट

गुरू सप्तमी के शुभ अवसर पर मदर टेरसा आश्रमवासियों को किए कंबल भेंट

झाबुआ (अली असगर बोहरा) - पूज्य दादा गुरूदेव श्रीमद् विजय राजेन्द्र सूरीष्वरजी के अवतरण एवं स्वर्गारोहण दिवस के अवसर पर रोटरेक्ट क्लब झाबुआ द्वारा स्थानीय मदर टेरेसा आश्रम के रहवासियो को ऊनी कंबल जिला दहेज सलाहकार बोर्ड (डीपीए) के अध्यक्ष यशवंत भंडारी, श्री राज हेमेन्द्र पुष्प आयमिल खाता भवन के अध्यक्ष अशोक राठौर, तेरापंथ सभा के अध्यक्ष पंकज कोठारी, ज्योतिष परिषद् के जिलाध्यक्ष पं. द्विजेन्द्र व्यास तथा रोटरेक्ट क्लब अध्यक्ष रिंकू रूनवाल की उपस्थिति में भेंट किए गए। 

कार्यक्रम के प्रारंभ में बोर्ड अध्यक्ष श्री भंडारी द्वारा उपस्थित सभी वृद्ध एवं दिव्यांगजनों को श्री नमस्कार महामंत्र का जाप करवाया। साथ ही इस महामंत्र के महत्व को प्रतिपादित करते हुए बताया कि यह मंत्र सर्व भौमिक, सर्व लौकिक एवं सर्व मंगलकारी है। इस मंत्र में किसी व्यक्ति विषेश के नाम के स्थान पर भव्य आत्माओं के गुणों को नमन किया गया है। श्री नमस्कार महामंत्र में पूरे ब्रम्हांण के समस्त भगवंतों, सिद्धों, आचार्यों एवं साधु-संतों को नमस्कार किया गया है। इस महामंत्र का एक बार स्मरण करने से हीह असंख्य महान आत्माओं को नमन हो जाता है। 

गुरूदेव राजेन्द्र सूरीष्वरजी मसा गुणों के भंडार थे

पं. द्विजेन्द्र व्यास ने अपने उद्बोधन में कहा कि नाम के स्थान पर गुणों का नमन करना ही सर्वश्रेष्ठ मंत्र होता है। आपने रामायण एवं रामचरित मानस की कई पंक्तियों का उदाहरण देते हुए कहा कि श्री वाल्मिकी एवं तुलसीदासजी ने दया को ही धर्म का मूल माना है। तेरापंथ सभा अध्यक्ष पंकज कोठारी ने कहा कि श्रीमद् विजय राजेन्द्र सूरीष्वरजी मसा इस सदी के महान संतो में से एक संत थे। वे केवल जैन ही नहीं, अपितु लाखों जैनेत्तर धर्मावलंबियों के बीच पूजनीय एवं वंदनीय थे। 

कंबल ओढ़ाकर किया सम्मान आयमिल खाता भवन के अध्यक्ष अशोक राठौर ने कहा कि गुरूदेव राजेन्द्र सूरीष्वरजी मसा गुणों के भंडार थे। उनकी तप, ज्ञान एवं साधना अटूट एवं अविचल थी, इसलिए आज के दिन उनका जन्म एवं स्वर्गारोहण दिवस पूरे भारत हीं नहीं अपितु विष्व में मनाया जाता है तथा लाखों गुरूभक्त समाधि स्थल मोहनखेड़ा तीर्थ पर दर्शनाथ आते है। इसके पश्चात् सभी अतिथियों ने आश्रम में निवासरत निराश्रित एवं दिव्यांगजनों का कंबल ओढ़ाकर सम्मान किया। साथ ही उन्हें नवीन वर्ष की शुभकामनाएं दी। अंत में आभार रोरेटेक्ट क्लब अध्यक्ष रिंकू रूनवाल ने माना।

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