कलेक्टर ने की जय किसान फसल ऋण माफी योजना की समीक्षा
लंबित प्रकरणों का त्वरित निराकरण करने के निर्देश
बालाघाट (देवेन्द्र खरे) - कलेक्टर श्री दीपक आर्य की अध्यक्षता में 13 जनवरी को जय किसान फसल ऋण माफी योजना से जुड़े विभागों के अधिकारियों एवं बैंक अधिकारियों की बैठक का आयोजन किया गया था। बैठक में विभागो द्वारा बैंको में भेजे गये स्वीकृत एवं लंबित प्रकरणो की समीक्षा की गई और इस योजना के लंबित प्रकरणो को दो दिन में निराकृत करने के निर्देश दिये गये। बैठक में जिला पंचायत की मुख्य् कार्यपालन अधिकारी श्रीमती रजनी सिहं, अग्रणी बैंक प्रबंधक श्री दिगम्बर भोयर, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री डी के सागर, उप संचालक कृषि श्री सी आर गौर, भारतीय स्टेट बैंक के वरिष्ठ प्रबंधक श्री मानिक समुद एवं सभी बैंकों के समन्वय अधिकारी उपस्थित थे।
कलेक्टर श्री आर्य ने बैठक में अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे जय किसान फसल ऋण माफी योजना में पात्र सभी किसानों को योजना का लाभ दिलायें। कोई भी पात्रता रखने वाला किसान इस योजना के लाभ से वंचित नहीं होना चाहिए। इस योजना के प्रकरणों को बैंक अधिकारी अनावश्यक लंबित न रखें और उनका समय सीमा में निराकरण करें। बैठक में जय किसान फसल ऋण माफ़ी योजनान्तर्गत स्वीकृत प्रकरणों में संशोधनों का भी अनुमोदन किया गया।
बैठक में अग्रणी जिला प्रबंधक श्री दिगंबर भोयर द्वारा बताया गया कि जय किसान फसल ऋण माफ़ी योजना के क्रियान्वयन में अत्यधिक कार्य एव समय अभाव के कारण बैंक स्तर पर स्वीकृति के समय त्रुटिया हुई है जिन्हें सुधारने की प्रक्रिया के लिए समस्त बैंको को सूचित किया गया था। ऐसे प्रकरणों का जिला स्तर पर अनुमोदन करने के लिए इस विशेष डीएलसीसी बैठक का आयोजन किया गया है।
बैठक में बताया गया कि मुख्यमंत्री ऋण समाधान योजना में लाभान्वित कृषक का ब्याज ऋण माफ़ी योजना में सम्मिलित करना है। इसके अंतर्गत सहकारी बैंक द्वारा 2066 किसान चिन्हित किये गए है जिसकी 1.76 करोड़ रुपये की राशि शासन को वापस की जानी है। वर्ष 2017-18 में वितरित ऋण में कालातीत कृषक का 3 प्रतिशत ब्याज नहीं जोड़ा जाना है इसके अंतर्गत सहकारी बैंक द्वारा 2034 किसानो को चिन्हित किया गया है एव उन्हें 7.90 लाख रुपये की राशि का शासन से दावा किया जाना है। पीए प्रकरण जो त्रुटिवश एनपीए में शाखा द्वारा वर्गीकृत किये गये हैं, इसके अंतर्गत सहकारी बैंक द्वारा 1667 तथा राष्ट्रीयकृत बैंको द्वारा 25 प्रकरण चिन्हित किये गए है।
बैठक में बताया गया कि एनपीए प्रकरण जो त्रुटिवश पीए में शाखा द्वारा वर्गीकृत किये गये है, इसके अंतर्गत सहकारी बैंक द्वरा 3176 प्रकरण चिन्हित किये गए है। शाखा स्तर पर प्रविष्टि के समय 31 मार्च 2018 पर बकाया राशि में त्रुटि के अंतर्गत सहकारी बैंक द्वरा 1116 तथा राष्ट्रीयकृत बैंको द्वारा 15 प्रकरण चिन्हित किये गए है। एनपीए दिनांक की प्रविष्टि एव बकाया राशि में त्रुटि के अंतर्गत सहकारी बैंक द्वरा 12 हजार 512 प्रकरण चिन्हित किये गए है। एनपीए दिनांक पर राशि की प्रविष्टि में त्रुटि के अंतर्गत सहकारी बैंक द्वरा 1116 तथा राष्ट्रीयकृत बैंको द्वारा 15 प्रकरण चिन्हित किये गए है। चक्रवृद्धि ब्याज के कारण 31 मार्च 2018 पर बकाया राशि में त्रुटी के अंतर्गत सभी बैंको द्वारा निरंक जानकारी दी गयी है।
बैठक में बताया गया कि योजना अंतर्गत अपात्रताधारी कृषक का ऋण स्वीकृत के अंतर्गत सहकारी बैंक द्वरा 108 प्रकरण चिन्हित किये गए है जिनसे 11.29 लाख रुपये की राशि वापस ली जानी है तथा राष्ट्रीयकृत बैंको द्वारा 3 प्रकरण चिन्हित किये गए है। अल्पकालीन व मध्यावधि परिवर्तित ऋण के अतिरिक्त ऋण स्वीकृत के अंतर्गत राष्ट्रीयकृत बैंको द्वारा 2 प्रकरण चिन्हित किये गए है।
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