अपनी शानो - शौकत पर लाखों खर्च कर देते है, लेकिन गौशाला हेतु दान नही देते हे - पं.शर्मा | Apni shano shaukat pr lakho kharch kr dete hai

अपनी शानो - शौकत पर लाखों खर्च कर देते है, लेकिन गौशाला हेतु दान नही देते हे - पं.शर्मा


श्रीमदभागवत कथा विश्राम में बालीपुर सरकार पधारेगें


अपनी शानो - शौकत पर लाखों खर्च कर देते है, लेकिन गौशाला हेतु दान नही देते हे - पं.शर्मा

आलीराजपुर (रफीक क़ुरैशी) - स्थानिय पंचेश्वर महादेवधाम पर चल श्रीमदभागवत कथा के सावते दिन 03 जनवरी शुक्रवार को कथा विश्राम होगा। इस दिन की कथा दिवसकालिन रखी गई होकर बालीपुरधाम के संत योगेशजी महाराज कथा में पधारकर अर्शिवाद देगें। प्रातः 9 बजे से पूर्णाहुति हवन होगा। दोपहर 01 बजे से शाम 04 बजे तक परिक्षित मोक्ष एवं गीता महात्म विषय पर भागवत कथा होगी। शाम 05 बजे से पंचेश्वरधाम से मुख्य यजमान के घर से एसपी कार्यालय तक भागवत पुराण का चल समारोह निकाला जाकर घर पर पूजा पाठ आरती प्रसादी वितरण होगा।

अपनी शानो - शौकत पर लाखों खर्च कर देते है, लेकिन गौशाला हेतु दान नही देते हे - पं.शर्मा

गाय जगत की माता है

भागवत कथा मे पं. शर्मा ने गोरक्षा का महत्व बताते हुए कहां किः गाय जगत की माता है। गाय में 33 कोटी देवताओं का वास है। एक गाय को पूजने से समस्त देवी-देवताओं की पूजा हो जाती है। गाय हमारे धर्म की, जड है, जड है जब तक वृक्ष है। उसी प्रकार जब तक गौमाता सुरक्षित है तब तक धर्म सुरक्षित है हमारे लिए शर्म की बात है कि हम विवाहों मैं व अपने पर लाखों रूपये खर्च करते है। मंदिरो में 56 भोग का प्रसाद लगाते है, और गौमाता भूखी भटक रही है, हम बंगलों-महलो मे बैठे है, गाय धूप में तप रही, बरसात में भीग रही है। प्लास्टिक-पोलीथीन खाकर मर रही है। हम पूरे परिवार को पालते है किंतु एक गाय नही पाल पा रहे है। हमारे घर से हम प्रतिदिन एक रोटी भी गाय के लिए नही निकाल पा रहे है। शानों-शौकत पर लाखों खर्च कर देते है। गौशाला हेतू दान नही दे पाते है। उन्होने आयुर्वेद में भी गौमूत्र-गोबर का चिकित्सा में उपयोग बताया गया है। कृष्णलीला का वर्णन करते हुए पं. शिवगुरू शर्मा ने कहां कि नन्दबाबा-यशोदा के 80वर्ष की उम्र में पुत्री जन्म हुआ था। जिसके बदले गोकुल में कृष्ण भगवान बालरूप कृष्ण, आनन्द मूर्ति, सच्चीदानंद पधारें। गोकुल में आनन्द ही आनन्द छा गया। कंस तक भी कृष्ण के जन्म की खबर पहुॅची। कंस ने कृष्ण को मारने हेतु कई जतन किए कृष्ण को ढूडते रहे परन्तु असफल रहे। पूतना भी कृष्ण को मारने हेतु पहुॅची पूतना ने एक वर्ष के समस्त बालकों को स्तन पर जहर लगाकर स्तनपान कराया। बालरूपी कृष्ण को भी स्तनपान कराया। किंतु कृष्ण ने पूतना को ही पूरा चुसकर मार डाला। भोलेनाथ भगवान शिव भी विभत्सरूप धरकर बालरूपी कृष्ण के दर्शन करने हेतु आऐ। माता यशोदा के आगे कृष्ण के दर्शन हेतु बहुत गिडगिडाए एवं कृष्ण के बाहर आने पर कृष्ण के दोनों चरणों को सिर से लगा लिया। कृष्ण घुटने चलने लगें, और शालिग्राम ही मुख में रख लिया। नन्दबाबा शालिग्राम को ढूडते रहे अंत में कृष्ण के मुह में उंगली डालकर शालिग्राम निकालकर अच्छे से साफ कर यशोदा से नटखट कृष्ण की शिकायत करने लगेें। कृष्ण ने चांद को देखा व जिदकर चांद मागने लगें तब माता यशोदा ने थाली में पानी भर चांद की परछाई दिखाकर कहा ले लल्ला चंदा तेरे पास आ गया। कृष्ण पानी में हाथ डालकर चांद को पकडने कि कोशिश करते तो पानी हिल जाता व चांद की परछाई गायब हो जाती व कृष्ण रोने लग जाते तब मैया बड़ी मुश्किल से उसे समझाती थी। कृष्ण, मैया से बोले मैया मेरा ब्याह करादें, तब यशोदा मैया बोली की शादी करके तू क्या करेगा, बेटा अभी तेरी उम्र छोटी हैं। कृष्ण बडे हुये तो वन में जाकर बांसूरी बजाने लगें। बांसूरी की धुन पर ग्वाल-बाले नाचते थे, तो साथ में गंगा, जमना, चन्द्र, सूरज, ऋषि, मुनी गोपियां भी नाचती थी। मां को अपने बच्चे के अवगुण दिखाई नही देते है। कृष्ण कि शिकायत यशोदा से गोकूल गांव के कई लोग करते थे तब माता यशोदा कहती थी मेरा बेटा माखन चोर नही है। नटखट शैतान नही है,  आदी कई पं्रसंग सुनाये गए। आज कथा का मुख्य विषय गोवर्धन लीला था। आज की कथा के यजमान हरसोला वाणिक समाज ने गोवर्धन पर्वत का निर्माण कर आकर्षक सज्जा कर छप्पन भोग प्रसाद का भोग लगाया एवं आरती कर व्यासपीठ से आशिर्वाद का लाभ लिया। गोवर्धन लीला बाबत पं.शर्मा ने बताया कि माता यशोदा की इन्द्र देवता की पूजा की तैयारियां देखकर कृष्ण ने कहा कि इन्द्र कभी दर्शन नही देते है। जबकि गोवर्धन पर्वत पर हमारी गाए चरती है इसलिए गोवर्धन पर्वत की पूजा करों। तब इन्द्र ने कूपित होकर अतिवृष्टी कर दी भगवान कृष्ण ने पूरा गोवर्धन पर्वत उठाकर गोकुल वासीयों को अतिवृष्टिी से बचाया व इन्द्र के घमण्ड को चूर किया। पंचगण्य बगैर पूजा-पाठ, हवन आदि कुछ भी संभव नही है। कथा में भारी संख्या में श्रोता पधार रहे है श्याम बाबा शर्मा ने भक्तों हेतु निःशुल्क चाय का स्टाल लगाकर भक्तों को राहत पहुॅचा रहे है। आज की प्रसादी स्वं. सरलाबेन गुप्ता की स्मृति में हरिशचन्द्र गुप्ता बोरझाड़ की ओर से थी। गोपी बहन बृजवासी सभी अतिथियों को निशुल्क भोजन करवा रही है। सभी को मंच से धन्यवाद देकर समानित किया गया। 

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