मानवता मिशन ट्रस्ट के तहत पूज्य रामानुजाचार्य ने 150 बच्चियों को गणवेश वितरित किये
झाबुआ (अली असगर बोहरा) - मानव सेवा ही माधव सेवा हे, जीव सेवा ही शिव सेवा है, के महामंत्र को साकार कर रहा है आचार्य रामानुज जी राजकोट वाले की प्रेरणा से मानवता मिशन ट्रस्ट । ट्रस्ट के अध्यक्ष गंभीरमल राठी ने जानकारी देते हुए बताया कि आचार्य श्री रामानुजजी सनातन धर्म एवं शास्त्र मे वर्णित सेवा ही यज्ञ है, सेवा ही तप है, सेवा ही तीर्थ है की भावना से प्रेरित होकर ट्रस्ट के माध्यम से पूज्य वैकुण्ठवासी निवृतमान शंकराचार्य श्री सत्यमित्रानंदजी महाराज के सुशिष्य आचार्य रामानुज जी की दीव्य उपस्थिति 14 जनवरी मकर संक्राति के पावन अवसर पर रतलाम के सातरूंडा छात्रावास में रह कर अध्ययन करने वाली 150 से अधिक छात्राओं को नवीन जिंस, टीशर्ट, स्वेटर, टोपी, मौजे एवं पानी के लिये बाटल स्वामीजी के कर कमलों से वितरित किये गये । इस अवसर पर सुदुर गा्रम सातरूंडा के 10 किलोमीटर क्षेत्र के गा्रमों से बडी संख्या में गा्रमीणजन एवं गणमान्यजन, पंच, सरपंच आदि उपस्थित थे । श्री राठी ने बताया कि इस अवसर पर छात्रावास की नन्ही नन्ही बच्चियो की आंखों में उत्साह एवं खुशीं छलक रही थी । पूज्य रामानुजजी ने मानव सेवा के इस प्रकल्प के तहत ऐसे स्थानों पर वृद्धाश्रम के साथ ही अन्य आवश्यक प्रकल्पों को भी साकारता देने का संकल्प लिया है । पूज्य रामानुजजी ने कहा कि धर्म का अर्थ ही धारण करना होता है और मानवसेवा को धारण करके यदि हम गरीबों, शोषितो के बीच जाकर सेवा कार्य करते है तो वह नारायण सेवा से कम नही होता है । मानवता मिशन ट्रस्ट के ऐसे जन कल्याणकारी कार्यो को देखते हुए बडौदा गुजरात के विपिन भाई सोनी ने पूज्य गुरूजी की प्रेरणा पाकर ऐसे जनसेवा के कार्यो में सहभागी होकर पूर्ण सहयोग दिये जाने का संकल्प लिया है ।
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