टोल पर लगी लंबी कतार यात्री हुए परेशान
टोल कर्मी करते रहे लोगों से दादागिरी ओर अभद्र व्यवहार
धामनोद (मुकेश सोडानी) - टोल प्लाजा पर वाहन चालकों को फास्ट टैग यूज करना अनिवार्य होगया, खलघाट टोल टोल प्लाजा पर प्रत्येक लाइन पर फास्टेक के माध्यम से ही वाहनों की आवा जाही होगी, जिसमें वाहनों को लंबी कतार में नहीं लगना पड़ेगा और लाइने ऑटोमेटिक हो जाएंगी, इलेक्ट्रॉनिक लाइन में घुसने पर वाहन चालकों को दुगना टोल टैक्स चुकाना पड़ेगा, उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि फास्टट्रैक के माध्यम से स्वचालित वेरीकटिंग लगाए जाएंगे, जो फास्टट्रैक वाहन चालक यूज करेंगे वह वाहन चालक जल्द से जल्द फास्ट्रेक के माध्यम से ऑटोमेटिक ही निकल जाएंगे, अगर वाहन चालक फास्टैग वाली लाइन में कोई अन्य वाहन अंदर घुसने की कोशिश करेंगे तो उनको दुगुना टोल भुगताना पड़ेगा इस तरह लागू हुए इस नियम से लोगों को अच्छी खासी परेशानी का सामना रविवार झेलना पड़ा फास्ट्रेक की आने जाने की कुल 6 लाइनें निर्धारित की गई थी लेकिन उन निर्धारित लाइनों में साधारण भुगतान वाले वाहन डाल रहे थे जिससे वंहा लंबा जाम लग गया तथा जद्दोजहद की स्थिति निर्मित हुई देखते ही देखते खलघाट तक जाम लग गया जिसकी व्यवस्था सुचारू करने के लिए कोई पर्याप्त जवाबदार मौके पर नहीं था सैकड़ों लोग जाम में फंस गए तथा परेशान होते नजर आए
बच्चे बैठे रहे वाहनों में कोई पापकार्न खाकर पेट भर रहा था तो कोई भूख के मारे परेशान
वाहनों की जद्दोजहद में छोटे से लेकर बड़े वाहन जाम में फंस गए छोटे छोटे बच्चे भूख के कारण परेशान होते रहे कोई बच्चे पॉपकॉर्न खाते हुए दिखे तो कोई चुपचाप बैठे रहे स्थिति यह थी कि टोल पर व्यवस्था सुचारू रखने के लिए कोई पुलिसकर्मी भी मौके पर मौजूद नहीं था टोल कर्मियों के भरोसे एवं उनकी मनमानी के चलते सभी परेशान हो रहे थे
लोगों में जमकर विरोध निजी वाहनों की निकलने की व्यवस्था वैसे ही हो जैसे पहले थी
उपरोक्त फास्टट्रैक की व्यवस्था को लेकर छोटे वाहन चालको में जमकर आक्रोश दिखाई दिया धरमपुरी क्षेत्र के लोकल वाहन जो पहले साइड से निकल जाते थे उन्हें भी कतार में जाने के लिए बादी किया गया जिससे लोगों और टोल कर्मियों के बीच जमकर बहस भी हुई गौरतलब है कि पूर्व में वाहन साइड से निकलते थे लेकिन अब सभी को एक ही रास्ते से गुजरना होगा जिससे स्थानीय लोगों में जमकर आक्रोश व्याप्त हुआ टोल पर स्थिति यह बन गई कि घंटों तक जाम की स्थिति निर्मित हुई इस संबंध में विधायक पाचीलाल मेड़ा को भी अवगत कराने के लिए लोगों ने फोन लगाया लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया
एंबुलेंस रॉन्ग साइड से आ रही थी तो अधिकारी की निजी गार्ड वाहन निकलवा रहे थे
वंहा स्थिति यह बनी कि एंबुलेंस जिसमें बीमार लोग बैठे थे ऐसे एंबुलेंस वाहनों को रॉन्ग साइड से निकाला गया तथा शासकीय अधिकारीयो के निजी गार्ड अपने अफसरों के वाहनों को खुद निकलवा रहे थे चालकों ने बताया कि फास्टट्रैक की व्यवस्था तो सही है लेकिन अचानक इसे लागू करने से सभी वाहनों में फास्ट ट्रैक नहीं लग पाए अब जो वाहन फास्ट्रेक की लाइन में घुस गये उसे दुगना टोल वसूलने की बात की जा रही थी इससे जमकर आक्रोश एंव विरोध हुआ
टोल पर कर्मी दादागिरी कर रहे थे लोगों को अपशब्द बोल रहे थे
जो वाहन चालक व्यवस्था एवं जाम को लेकर विरोध दर्ज करवा रहे थे टोल के कुछ कर्मचारी जो पहले भी अपनी मनमानी के चलते लोगों को परेशान करते आए है जिनकी शिकायतें पूर्व में थाने पर हो चुकी है वह लोगों से अभद्र व्यवहार अपशब्दों में बात कर रहे थे विरोध करने वालों को खुलेआम दादागिरी बता कर डराया जा रहा था लोगों ने ऐसे कर्मचारियों की दादागिरी पर जवाबदारो एवं जनप्रतिनिधियों को भी जमकर कोसा
क्या है फास्ट ट्रैक
फास्टैग एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है। यह आकार में क्रेडिट कार्ड से छोटा होता है, इस कार्ड को वाहन के आगे शीशे पर लगाया जाता है। इसमें एक चिप लगी होती है, जिसके अंदर आपके वाहन से संबंधित समस्त जानकारी उपलब्ध रहती है। जैसे ही आप किसी टोल प्लाजा से होकर गुजरते हैं, वैसे ही आपकी गाड़ी पर लगा इसका टैग, फास्ट टैग के संपर्क में आते ही आपके फास्ट टैग के अकाउंट से लगने वाला टोल टेस्ट का भुगतान अपने आप हो जाता है| आपकी गाड़ी पर लगा यह टैग जैसे ही आपके प्रीपेड अकाउंट से जोड़कर एक्टिवेट होता है, वैसे ही यह अपना कार्य शुरू कर देता है|
यदि आपके फास्ट टैग अकाउंट की राशि खत्म हो जाती है, तो इसे आपको दोबारा से रिचार्ज करना होगा| इस टैग की वैधता 5 वर्ष होती है, अर्थात आपको 5 वर्ष बाद इसे अपने गाड़ी पर पुनः लगवाना होगा
लोगों में आक्रोश गणेश घाट का निर्माण करवा दो
एनएचआई के जारी फरमान का पालन तो तत्काल हो जाता है अब लोगों में यह आक्रोश था कि 10 साल के आसपास बीतने के बाद भी सैकड़ों लोग घाट में काल के गाल में समा गए लेकिन गणेश घाट का निराकरण अभी तक नहीं हो पाया एनएचआई के जवाबदार अफसर तत्काल नियम लागू करने की बात कहते हैं लेकिन जो मुख्य कार्य है उसमें कहीं से कहीं तक गति नहीं दी जा रही है इसी बात को लेकर टोल के अधिकारियों ने भी पल्ला झाड़ लिया उन्होंने फास्ट्रेक नियम लादने का पूरा पूरा जिम्मा एनएचआई का ठहराया उन्होंने कहा कि हम तो सिर्फ वसूली करने के लिए मात्र है हम तो राशि का भुगतान एनएचआई को करते हैं फास्ट्रेक का नियम भले से कुछ भी हो लेकिन स्थानीय लोगों को इसमें राहत दी जाना चाहिए उन्हें निकलने के लिए पूर्व अनुसार प्रथके व्यवस्था करना चाहिए
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