टीएल बैठक में कलेक्टर श्री आर्य ने अधिकारियों को दिये निर्देश | Tl bethak main collector shri aarya ne adhikariyo ko diye nirdesh
टीएल बैठक में कलेक्टर श्री आर्य ने अधिकारियों को दिये निर्देश
बालाघाट (देवेंद्र खरे) - प्रत्येक सोमवार को होने वाली समय सीमा टीएल बैठक की कड़ी में आज 02 दिसम्बर को जिला पंचायत सभाकक्ष में टीएल बैठक का आयोजन किया गया था। बैठक में कलेक्टर श्री दीपक आर्य ने समय सीमा प्रकरणों के साथ ही सीएम हेल्पलाईन प्रकरणों की समीक्षा की और अधिकारियों को
इन प्रकरणों का त्वरित निराकरण करने के निर्देश दिये। बैठक में जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती रजनी सिंह, सहायक कलेक्टर श्री अक्षय तेम्रावाल, संयुक्त कलेक्टर श्री मनोज मालवीय एवं अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
कलेक्टर श्री आर्य ने बैठक में सबसे पहले नगर पालिका के स्वच्छता सर्वेक्षण की समीक्षा की और इस अभियान का प्रभावी किेयान्वयन करने के निर्देश दिये। उन्होंने मुख्य नगर पालिका अधिकारी से कहा कि स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान केवल कागजों में नहीं दिखना चाहिए, बल्कि हकीकत में दिखाई भी देना चाहिए। उन्होंने इस अभियान पर निगरानी रखने के लिए दो डिप्टी कलेक्टर्स रविन्द्र एवं निकिता को भी प्रात: नगर भ्रमण करने एवं वार्डों में गंदगी पाये जाने पर सख्त कार्यवाही करवाने के निर्देश दिये। नगरी क्षेत्र के वार्डों के भ्रमण के दौरान गंदगी पाये जाने पर उस वार्ड के प्रभारी एवं स्वच्छता निरीक्षक पर निलंबन की कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये। इसी प्रकार नगरीय क्षेत्र के खाली प्लाटों में गंदगी पाये जाने पर उस प्लाट के मालिक पर अधिक से अधिक जुर्माना लगाने के निर्देश दिये गये।
कलेक्टर श्री आर्य ने बैठक में मुख्य नगर पालिका अधिकारी को निर्देशित किया कि पूर्व में जिन स्थानों पर अतिक्रमण हटाया गया था, वहां पर फिर से लोगों द्वारा अतिक्रमण किया जा रहा है, ऐसे अतिक्रमण को सख्ती से हटायें। एक बार अतिक्रमण हटाने के बाद वहां पर दोबारा अतिक्रमण नहीं होना चाहिए। किसी स्थान पर दोबारा अतिक्रमण किया गया है तो उस वार्ड के अतिक्रमण प्रभारी के विरूद्ध निलंबन की कार्यवाही करें।
स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा के दौरान पाया गया कि आईएमए के सदस्य डाक्टर्स द्वारा उन्हें अपनी सेवायें देने के लिए आबंटित स्वास्थ्य केन्द्र में केवल एक दिन गये है और उसके बाद वे नहीं जा रहे है। आईएमए के सदस्य प्रायवेट चिकित्सकों से सप्ताह में एक-दो दिन उन्हें आबंटित स्वास्थ्य केन्द्र में मरीजों की जांच के लिए सेवायें देने कहा गया था। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से उन्हें वाहन भी उपलब्ध कराया जा रहा है। कलेक्टर श्री आर्य ने इस स्थिति पर कड़ी नाराजगी जाहिर की और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देशित किया कि वे जिले में चल रहे सभी प्रायवेट अस्पतालों का कड़ाई से निरीक्षण करें। जहां पर भी नियमों का पालन नहीं हो रहा है तो उनमें ताला लगाने की कार्यवाही करें। इसी प्रकार जिन अस्पतालों में सोनोग्राफी मशीन लगाई गई वहां पर पीएनडीटी एक्ट का सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिये गये।
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