बालाघाट में व्यापार मेले का होगा पुरजोर विरोध: इंद्रजीत भोज | Balaghat main vyapar mele ka hoga purjor virodh

बालाघाट में व्यापार मेले का होगा पुरजोर विरोध: इंद्रजीत भोज

उत्कृष्ट विद्यालय के खेल मैदान की हो रही दुर्गति

व्यवसायिक मेला आयोजन से सभी क्रीड़ा संगठनों में पनप रहा भारी आक्रोश

बालाघाट में व्यापार मेले का होगा पुरजोर विरोध: इंद्रजीत भोज

बालाघाट (देवेंद्र खरे) - बालाघाट नगर मुख्यालयों के खेल मैदानों की दुर्गति किसी से छुपी नही है। मात्र 03 प्रमुख खेल मैदान नगर मुख्यालय में है जिनमें से महात्मा गांधी उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय स्थित हॉकी मैदान उचित रखरखाव एवं प्रबंधन के चलते सुरक्षित है। बचे दो मैदान एक उत्कृष्ट विद्यालय का खेल मैदान है। दूसरा मुलना स्टेडियम ये दोनो क्रीडा मैदान क्रीडा गतिविधियों की वजह से नही वरन अन्य सामाजिक, व्यापारिक एवं राजनैतिक आयोजनों की वजह से पहचाने जाते है।

बालाघाट में व्यापार मेले का होगा पुरजोर विरोध: इंद्रजीत भोज

म.प्र. ग्रामीण क्रिकेट एसोसियेशन के प्रान्ताध्यक्ष एवं म.प्र. श्रमजीवी पत्रकार संघ के जिलाध्यक्ष इन्द्रजीत भोज ने जारी बयान में आगे बताया कि विगत 15 वर्षो से हम दोनो मैदानों के उचित रखरखाव एवं संरक्षण के लिये शासन-प्रशासन से लगातार गुहार लगाते आ रहे है। कई बार ज्ञापन भी सौंपा किन्तु आज पर्यन्त तक शासन-प्रशासन के कान में जू नही रेंगी। उत्कृष्ट विद्यालय में लगभग दो हजार छात्र-छात्राएं अध्ययनरत है किन्तु उन्हे उन्ही के खेल मैदान में खेलने का मौका नही मिल पाता। आये दिन व्यापारिक मेले यहां पर लगते है जो पूरे मैदान की धज्जियां उड़ा देते है। वर्षाकाल के उपरान्त मैदान में भरे गढ्ढों को खिलाड़ियों ने भरा उसे समतल बनाया, तब वह खेलने योग्य बना और दो क्रिकेट प्रतियोगिताओं का आयोजन भी हुआ। जिसमें विभिन्न प्रांतों के क्रिकेट खिलाड़ियों ने क्रिकेट के कला कौशल दिखाकर दर्शकों का मन मोहा।

अभी दिसम्बर माह में आल इण्डिया फुटबॉल प्रतियोगिता होनी है लेकिन मेला आयोजन समिति को आरक्षित कर लिया है, 26 जनवरी 2020 से सद्भावना क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन होना है। जिसमें विभिन्न में पदस्थ अधिकारी कर्मचारी खेलते है, वह भी खटाई में पडा नजर आ रहा है। क्योंकि दूसरी व्यवसायिक मेला आयोजन समिति उस तिथि में मेला आयोजन करने हेतु प्रयासरत है। खेल मैदानों में सिर्फ खेल होंगे। ऐसा आदेश उच्च न्यायालय पूर्व में जारी कर चुकि है। हाल ही में मण्डला जिले के स्टेडियम में भी खेल छोड़कर अन्य गतिविधियां होती थी। वहां के खिलाड़ी हाईकोर्ट की शरण में गये, हाईकोर्ट ने एक बार पुन: आदेश जारी किया कि खेल मैदानों का दुरूपयोग न हो, खेल मैदानों में सिर्फ क्रीड़ा गतिविधियां हो अन्य गतिविधियों के लिये नही बने है खेल मैदान।

उसके बावजूद भी उत्कृष्ट विद्यालय का प्रबंधन एवं जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी खेल मैदान में व्यापारिक मेलों के आयोजन की अनुमति प्रदान कर देते है यह समझ से परे है। शासन-प्रशासन भी मेला आयोजन समिति से सांठगांठ कर चुका है ऐसा प्रतीत होता है। 15 वर्ष पूर्व में जाये तो जिला पंचायत के द्वारा मेले का आयोजन किया जाता था जिसमें लघु उद्योग, कुटीर उद्योग, वनोपज, वनौषधी इत्यादि के स्टाल लगाकर इनकी जानकारी आम जनता को दी जाती थी जो कि निशुल्क होती थी। वनोषधी, वनोपज एवं अन्य सामग्री सस्ते एवं उचित दामों पर विक्रय की जाती थी। कालान्तर में धन्ना सेठो की नजर इस आयोजन में पड़ी उन्होने जिला पंचायत के मेले को अधिग्रहित कर व्यापारिक मेला बना दिया। जिससे इनके अधिकारियों से संबध बनने लगे और आयोजन की आड़ में ये स्वार्थ सिद्धी भी करने लगे। आज व्यापारिक मेले में एक कोने में जिला पंचायत के स्टाल लगे रहते है, वहां कोई जाता भी नही।

श्री भोज ने आगे बताया कि हमें ऐसे आयोजनों से कोई परहेज नही है पर इन्हे नगर के दूसरे स्थानों पर आयोजित किया जाये ताकि क्रीडा गतिविधियां बाधित न हो पाये। खेल मैदानों में खेल गतिविधियां सुनिश्चित की जावे। यदि ऐसा नही होता तो नगर के समस्त खिलाड़ी तीव्र आन्दोलन छेडेगें और इन व्यापारिक मेलों का बहिष्कार करेंगे।

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