मजमेबाज प्रभारी संकुल प्राचार्य पूरे बालक उत्कृष्ट संकुल की उड़ा रहा है धज्जियां | Majmebaj prabhari sankul pracharya pire balak utkrasht sankul ki uda

मजमेबाज प्रभारी संकुल प्राचार्य पूरे बालक उत्कृष्ट संकुल की उड़ा रहा है धज्जियां

मजमेबाज प्रभारी संकुल प्राचार्य पूरे बालक उत्कृष्ट संकुल की उड़ा रहा है धज्जियां

थांदला (कादर शेख) - बालक उत्कृष्ट संकुल केंद्र के प्रभारी प्राचार्य मूलचंद गुप्ता इन दिनों जमकर रेवड़ी का प्रसाद बटोर रहे हैं, इन महानुभाव के रिटायरमेंट को कुछ ही माह बचे है और यह महोदय जितना बटोर कर यहां से ले जा सकते हैं उतना यह समेटने में लगे हैं, पूरे संकुल में किसे हटाकर किसे कहां पर सेट करना है, कहां उठापटक करना यह सब प्रभारी प्राचार्य की इच्छानुसार चलता है, कहा तो यह भी जा रहा है कि यह किसी को निराश बिल्कुल नहीं करते बस मोटी रकम द्वारा इनको खुश किया जा सकता है, पिछले दिनों इसी संकुल में एक महिला शिक्षिका को अपमानित किया गया था महिला शिक्षिका द्वारा हिम्मत दिखाते हुए प्रभारी प्राचार्य को लिखित में आवेदन भी दिया गया परंतु महिला के आवेदन पर कार्यवाही करने के बजाए इन प्रभारी प्राचार्य द्वारा मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था, ऐसा ही वाक्या बालक संकुल में पिछले कुछ माह से देखने को मिल रहा है जनशिक्षक राकेश डाबी द्वारा बताया गया कि पहले तो उन्हें साल भर से अधिक समय तक जन शिक्षक का काम करवाया गया परंतु अब उनकी आवश्यकता नहीं होने से यह मजमेबाज प्राचार्य विकल्प खोजने में लगे हुए हैं, कारण शिक्षा के क्षेत्र में सुधार करना नहीं अपितु खुद का आर्थिक विकास करना है जनशिक्षक राकेश डाबी को हटाकर वैकल्पिक तौर पर इन्होंने अन्य की नियुक्ति मोटी रकम लेकर करने की गुस्ताखी की है पिछले दिनों झाबुआ में हुई काउंसिलिंग में स्पष्ट दर्शाया गया कि रिक्त पद पर जन शिक्षकों की नियुक्ति किया जाना चाहिए परंतु राकेश डाबी के जनशिक्षक रहते हुए प्राचार्य ने जानबूझकर खाली पद बताकर अन्य जनशिक्षक के नियुक्ति हेतु प्रस्ताव जिले में भेजा, ज्ञातव्य है राकेश डाबी विगत साल भर से अधिक समय से पूरे संकुल का कार्य निष्ठा से करते आ रहे हैं फिर भी पता नहीं प्राचार्य कि कौन सी डिमांड पूरी नहीं होने के कारण पद रिक्त बताया गया, प्रभारी प्राचार्य के बारे में तो ऐसा भी बताया जाता है कि पिछले वर्ष चुनाव को मद्देनजर रखते हुए स्नेह सम्मेलन नहीं होने से पूरी की पूरी राशि निपटा ली गई और तो और डकार तक नहीं ली और स्नेह सम्मेलन की राशि से शालेय पत्रिका छपवा कर इतिश्री पूरी कर ली गई, खैर जो भी हो यह प्रभारी प्राचार्य चाहे कितना ही भ्रष्टाचारी क्यों ना हो अब देखना यह है कि जनशिक्षक राकेश डाबी को न्याय मिलेगा या नहीं और जिला प्रशासन इस मजमेबाज प्रभारी प्राचार्य पर क्या कार्यवाही करता है l

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