धान खरीदी मामले में सोसायटियां और प्रशासन आमने-सामने
बालाघाट (देवेन्द्र खरे) - धान की पैदावार के लिए प्रदेश में पहला स्थान रखने वाले बालाघाट जिले में आज दिनांक तक धान खरीदी शुरू हो पाई है जिसका कारण धान खरीदी के लिए शासन द्वारा बनाई गई नई व्यवस्था बताया जा रहा है । जिसके विरोध के चलते सोसायटियां और प्रशासन आमने-सामने आ गए हैं ।
बता दें कि बालाघाट जिले में धान फसल की खरीदी हर साल नवम्बर माह में शुरू हो जाती है । जिसके लिए जिले भर की सोसायटियों को धान खरीदी केंद्र बनाए जाते हैं । इस साल खरीदी के लिए पहले 15 फिर 25 नवम्बर और आखिर में 2 दिसम्बर तय की गई थी । इस बार शासन ने किसान हित को ध्यान में रखते हुए कुछ नई व्यवस्थाएं की गई है । जिसके मुताबिक धान भंडारण स्थल के नजदीक खरीदी केंद्र बनाने, प्रत्येक केंद्र पर दो कंप्यूटर ऑपरेटर की व्यवस्था करने जैसी बातें शामिल हैं । लेकिन सोसायटी प्रबंधक इस नई व्यवस्था से खुश नहीं हैं । उनकी नाराजगी इस बात को लेकर भी है कि पिछले उपार्जन वर्ष में सोसायटियों ने प्रशासन के आदेश पर 1400 रु क्विंटल की दर से धान खरीदा था जबकि समर्थन मूल्य 1750 रु था जिसके अंतर की राशि सोसायटियों से वसूलने के आदेश हो चुके हैं । इन सभी बातों को लेकर सभी सोसायटी कर्मचारी अपने जिलाध्यक्ष के साथ जिला सहकारी बैंक पहुंचे और सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा ।
वहीं कलेक्टर का कहना है कि शासन की नई नीति किसानों के हित में है। जो मांगे मानी जाने लायक है पूरी की जाएगी और अंतर की राशि 350 रु वसूली पर रोक लगा दी गई है ।
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