सिविल अस्पताल वारासिवनी में लगाया गया एक दिवसीय आयुष चिकित्सा शिविर | Civil aspatal varasivni main lagaya gaya ek divasiy ayush chikitsa shivir

सिविल अस्पताल वारासिवनी में लगाया गया एक दिवसीय आयुष चिकित्सा शिविर

श्री जायसवाल ने किया शिविर का शुभारंभ

सिविल अस्पताल वारासिवनी में लगाया गया एक दिवसीय आयुष चिकित्सा शिविर

बालाघाट (देवेन्द्र खरे) - मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार ने रेत खनन के क्षेत्र में मची लूट को खत्म करने के लिए नई रेत नीति बनाई है। इस नीति के अमल में आने से प्रदेश सरकार को एक साल में ही 1400 करोड़ रुपये का राजस्व मिलने जा रहा है। पूर्व की सरकार के समय रेत से मात्र 240 करोड़ रुपये का राजस्व मिल रहा था। प्रदेश सरकार अब नई खनिज नीति भी बनाने जा रही है। हमारा प्रयास है कि खनिज विभाग मध्यप्रदेश शासन का सर्वाधिक राजस्व देने वाला विभाग बने और खनिज विभाग ने इस दिशा में काम प्रारंभ कर दिया है। यह बातें मध्यप्रदेश शासन के खनिज साधन मंत्री श्री प्रदीप जायसवाल ने आज 24 दिसम्बर को सिविल अस्पताल वारासिवनी में मेगा आयुष स्वास्थ्य शिविर के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।

मेगा स्वास्थ्य शिविर के शुभारंभ कार्यक्रम में जनपद पंचायत वारासिवनी के अध्यक्ष श्री चिंतामन नगपुरे, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती मेघा किशोर बिसेन, समाज सेवी श्री ज्ञानचंद चोपड़ा, श्रीमती रीना कासल, एसडीएम श्री संदीप सिंह, खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ रविन्द्र ताथोड़, डॉ अजय जैन, जिला आयुष अधिकारी डॉ शिवराम साकेत, अन्य गणमान्य नागरिक एवं बड़ी संख्या में उपचार के लिए आये मरीज उपस्थित थे। इस शिविर में आयुर्वेद, होमियोपैथी, यूनानी, योगा एवं सिद्धा पद्धति से मरीजों के उपचार के लिए अलग-अलग स्टाल लगाये गये थे।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि खनिज मंत्री श्री जायसवाल ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि सिविल अस्पताल वारासिवनी में अब तक ऐलोपैथी पद्धति से ही मरीजों का उपचार किया जा रहा था। इसके लिए वारासिवनी के इस अस्पताल में चिकित्सकों की व्यवस्था करने के साथ ही जरूरी उपकरण भी लाये गये है। यहां की व्यवस्थाओं में सुधार के लिए चारो ओर बाउंड्रीवाल बनाई जा रही है और परिसर के भीतर सीमेंट-कांक्रीट की पक्की सड़क बनाई जा रही है। खनिज मंत्री श्री जायसवाल ने कहा कि वर्तमान समय के इस भागदौड़ भरे जीवन में हर किसी के पास वक्त की कमी है और बीमार होने पर ऐसी उपचार पद्धति अपनाना चाहता है, जिससे व्यक्ति को तत्काल लाभ मिले। इसके लिए वह ऐलोपैथी पद्धिति से उपचार कराने लगता है। लेंकिन ऐलोपैथी पद्धति से उपचार आज के समय में मंहगा हो गया है। ऐसे समय में हमें जरूरत है सस्ता, सुंदर व टिकाऊ उपचार देने वाली पद्धति को अपनाने की। आयुर्वेद, होमियोपैथी एवं यूनानी पद्धति सस्ता एवं मजबूत उपचार करने में सक्षम है।  मैं स्वयं भी होमियोपैथी पर अधिक विश्वास करता हूं। सिविल अस्पताल वारासिवनी में आज हमारी प्राचीन चिकित्सा पद्धति पर आधारित मेगा स्वास्थ्य शिविर लगाया गया है तो निश्चित रूप से वारासिवनी क्षेत्र की जनता को इसका लाभ मिलेगा।

खनिज मंत्री श्री जायसवाल ने खनिज विभाग के कार्यो की चर्चा करते हुए कहा कि पूर्व की सरकार ने रेत के लिए कोई नीति नहीं बनाई थी। जिसके कारण प्रदेश को रेत के खनन से नाम मात्र का राजस्व मिलता था। अब हमारी सरकार ने नई रेत नीति लागू की है तो अकेले रेत से ही एक वर्ष में 1400 करोड़ रुपये का राजस्व मिलने जा रहा है। अभी 6-7 रेत खदानों की नीलामी शेष है। प्रदेश में पहली बार बंदर हीरा खदान को बिड़ला ग्रुप को आबंटित किया गया है और इससे प्रदेश सरकार को हर वर्ष 800 से 900 करोड़ का राजस्व मिलेगा। प्रदेश सरकार पन्ना जिले में डायमंड पार्क बनाने के लिए काम कर रही है। हीरे को तराशने का कार्य मुंबई में किया जाता है। लेकिन पन्ना में डायमंड पार्क बनने से हीरे को तराशने का काम प्रदेश में ही होने लगेगा और इससे प्रदेश में रोजगार के नये अवसर पैदा होंगें। खनिज विभाग को मध्यप्रदेश का सबसे अधिक राजस्व देने वाला विभाग बनाने के लिए हम पूरा प्रयास कर रहे है। प्रदेश को खनिज राजस्व से अधिक आय होगी तो निश्चित रूप से उसका लाभ बालाघाट जिले को भी मिलेगा।

जिला आयुष अधिकारी डॉ शिवराम साकेत ने इस अवसर पर बताया कि जिले में आयुर्वेद के 50, होमियोपैथी के 06 एवं यूनानी पद्धति का एक अस्पताल संचालित है। बालाघाट एवं बैहर मे पंचकर्म केन्द्र भी संचालित किये जा रहे है। उपचार की  इन प्राचीन पद्धतियों के प्रति जनता को रूझान बढ़ रहा है और हमारे आयुष चिकित्सक भी जनता के विश्वास पर खरे उतरने का प्रयास कर रहे है। वारासिवनी इस मेगा स्वास्थ्य शिविर में सभी प्रकार की बीमारियों, जटिल रोंगों के मरीजों का नि:शुल्क परीक्षण कर औषधियों का वितरण किया गया है। इस स्वास्थ्य शिविर में  वातरोग, संधिवात, आमवात, सायटिका, स्पेंडोलाईटिस, कमर दर्द, घुटनों का दर्द आदि वात संबंधित रोग, मधुमेह(शुगर), उच्च रक्तचाप (बी.पी.), रक्त अल्पता (खून की कमी), अर्श(पाईल्स), भगंदर, जीर्ण ज्वर, पथरी, मुहांसे, झुर्रियां, चेहरे पर काले धब्बे का दाग, बाल रोग, स्त्री से संबंधित समस्त रोग, पेट संबंधित रोग, कुपोषण, आदि समस्त सार्वदैहिक रोगों का उपचार कर नि:शुल्क औषधि वितरण किया जा रहा है ।

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