शोभा यात्रा में 40 से अधिक गांवों के भक्तों ने पहुंचकर दीक्षार्थी के प्रति अपने अहोभाव प्रकट किए | Shobha yatra main 40 se adhik ganvo ke bhakto ne pahuchkr diksharthi ke prati apne

शोभा यात्रा में 40 से अधिक गांवों के भक्तों ने पहुंचकर दीक्षार्थी के प्रति अपने अहोभाव प्रकट किए

शोभा यात्रा में 40 से अधिक गांवों के भक्तों ने पहुंचकर दीक्षार्थी के प्रति अपने अहोभाव प्रकट किए

पेटलावद (मनीष कुमट) - ना देने वाली मुमुक्षु आयुषी बहन गांधी वर्षीदान देते थकी और न ही सौभाग्य व मंगलकारी दान लेते लोग कम पडे। वो अपने दोनों हाथो से मुक्त हद्धय से वर्षीदान लगातार ढाई घंटे तक बिना विराम लिए देती रही। इस ऐतिहासिक वर्षीदान शोभा यात्रा में ४० से अधिक गांवों के भक्तों ने पहुंचकर दीक्षार्थी के प्रति अपने अहोभाव प्रकट किए।पेटलावद दीक्षा महोत्सव के अवसर पर स्थानक भवन में आयोजित धर्म सभा में आगम विशारद बुद्ध पुत्र प्रवर्तक जिनेन्द्र मुनिजी ने कहा संसार में दु:ख इतने है की कागज लेकर लिखने बैठे तो डायरिया भर जायेगीएसंसार में जन्म का दु:ख है मरण का दु:ख है बुढ़ापे का दु:ख है रोग का दु:ख हैए आश्चर्य है की ऐसे अनेक दु:खो से जीव दुखी है दु:ख पा रहा है और फिर भी संसार में लिप्त है।

दु:ख को सहन करने का जीव को अभ्यास हो गया है वह उसे मिटाने का उपाय नहीं करता है दु:ख मिटाने का सच्चा उपाय है संयम ग्रहण करना और इन्ही दु:खो को मिटाने को तत्पर बनी है मुमुक्षु आयुषी गाँधी भगवान ने दु:ख मिटाने का उत्तम मार्ग संयम मार्ग बताया है दीक्षा लेकर संयम का पालन और पुरुषार्थ करेंगे  तो सभी प्रकार के दु:ख ख़त्म होने वाले है 

आपने कहा की संयम का मार्ग परम सुख का मार्ग है और भगवान ने इसे एकांत सुख का मार्ग ही बताया है संसार के दुखों को जानकर सुख पाने का हमे गोल्डन चांस मिला है की प्रबल पुरुषार्थ कर हम संयम पथ पर आगे बढे ।

दीक्षार्थी बहन की दीक्षा की अनुमोदना करते हुए हमको भी संयम के भाव रखकर वर्तमान में धर्म आराधना में बढ़ोतरी करना है मोक्ष मार्ग के नजदीक पहुचने का यही रास्ता है 

धर्म सभा में संत धर्मेन्द्र मुनिजी ने कहा की बारह भावनाओ का चिन्तन करने से कषाय ख़त्म हो जाते है अपने विचारों को मोड़ देना जरूरी है विचार सही दिशा में मुड़ गये तो समाधी का अनुभव हो जाता है मैत्री भावना को रखने से सभी जीवों के प्रति ईर्ष्या ख़त्म हो जाती है और मन का इलाज होने पर सभी साधनाए सरल हो जाती है ।

प्रशंषा और निंदा राग द्वेष जगाती हे हमे मन पर्याय ज्ञान अवधि ज्ञान नहीं केवल ज्ञान पाना है।

धर्मसभा में महासती किरणबाला जी स्तवन की प्रस्तुति दी 
धर्म सभा में संघ सचिव नीरज मूणत पूर्व संघ अध्यक्ष शान्तिलाल चाणोदिया ने दीक्षार्थी आयुषी गाँधी के प्रति अपने अहो भाव व्यक्त किये।

स्वाध्याय संघ के अध्यक्ष भरत भंसाली ने थांदला संघ की और से विभिन्न विनती या प्रवर्तक श्री के सन्मुख रखी बामनिया संघ के अध्यक्ष विमल मुथा ने बामनिया में बड़ी दीक्षा की विनती रखी धर्मसभा में बालिका मंडल ने समूह गान गायाए।
दिव्यांशी परिधि सिद्धि स्मृति ममता कविता दिव्या पल्लवी रूपाली गुगलिया एवं सिद्धि जैन ने अलग अलग स्तवन की प्रस्तुति दी।

महासती धैर्य प्रभा जी आदि ठाणा 3 का भी मंगल प्रवेश हुआ।

मुख्य रूप से इस समारोह में पंजाब होशियारपुर, दाहोद, लिमडी, संजेली और बदनावर, रतलाम,इंदौर, जीरण, भूसावल, बडनगर, झाबुआ, कल्याणपुरा, थांदला, बामनिया, रायपुरिया, कुशलगढ, बाजना, खवासा, सारंगी, टेमरिया, रूपगढ, बरवेट, जामली, हमीरगढ, करवड, करडावद आदि जगहों की  भागीदारी रही। 
-झलकियां-
- समग्र जैन समाज ने अपनी एकता और धार्मिक भावना का परिचय देते हुए बडी संख्या में उपस्थिति दर्ज करवाई।
- दीक्षार्थी परिवार व कल्याणपुरा श्री संघ की महिलाएं व पुरूष एक रंग के पहनावे में अलग ही दिख रहे थे।
- महिलाओं ने भारी भरकम चुन्नी डे्रस धारण इस अवसर पर किया था।
- पुलिस बल व नगर परिषद पूरी मुस्तैदी से व्यवस्थाएं संभाले हुए थे। 
- बडनगर के बैंड और पेटलावद के ढोल ने शोभायात्रा में खुब रंग जमाया।
- नवयुवक व बालिका मंडल उत्साह पूर्वक नाच गाना कर अपनी खुशियां व्यक्त कर रहे थे। पेटलावद के सभी जैन समाज के श्री संघों के पदाधिकारी, नवयुवक मंडल, बालिका मंडल, बहू मंडल ने पूरी शोभायात्रा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई जो विशेष उपलब्धि थी।

बुधवार को प्रात: ८.३० बजे कांतिलाल अंकित कुमार मुरार परिवार के निवास से दीक्षार्थी आयुषी बहन गांधी की महाभिनिश्क्रमण (दीक्षा) यात्रा प्रारंभ होकर दीक्षा स्थल उदय गार्डन पर पहुंचेगी। जहां प्रवर्तकश्री जिनेंद्रमुनिजी दीक्षा का पाठ पढाएगें। इस अवसर पर पांच हजार से अधिक श्रृद्धालु पहुंचेगें।

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