थांदला की पावन धरा पर आचार्य जयानन्द सूरीश्वरजी ने दिया दीक्षा मुहूर्त | Thandla ki pavan dhara pr acharya jayanand surishvarji ne diya diksha

थांदला की पावन धरा पर आचार्य जयानन्द सूरीश्वरजी ने दिया दीक्षा मुहूर्त

श्रीसंघ ने दीक्षार्थी बहनों सहित परिजनों का किया बहुमान - निकला विशाल वरघोड़ा

थांदला की पावन धरा पर आचार्य जयानन्द सूरीश्वरजी ने दिया दीक्षा मुहूर्त

थान्दला (कादर शेख) - धर्म धरा थान्दला की पुण्यभूमि आज फिर धन्य हो गई जब शुद्ध क्रिया पालक आचार्य भगवंत श्रीमद्विजय जयानन्द सूरीश्वरजी महाराज साहेब के मुखारविंद से दो मुमुक्षु आत्मा जयणा बहन दिलीपजी कांकरिया (मोदरा - गंटूर) एवं मुमुक्षु मोनिका बहन भरतजी नानेसा (सियाणा) के जिनशासन मार्ग पर आरूढ़ होने की तिथि तय कर दी। श्रीसंघ के अध्यक्ष कमलेश जैन (दायजी), उमेश आर पीचा, चंचल भण्डारी ने बताया कि आपश्री के सानिध्य में ही दोनों मुमुक्षु आत्मा आने वाली 1 फरवरी 2020 माघ सुदी सप्तमी शनिवार को राजस्थान के जालौर जिले में स्थित बाखरा रोड़ पर संयम यात्रा प्रारम्भ करेगी। उनकी दीक्षा तिथि मुहूर्त की घोषणा के साथ ही गुरु भगवन्तों के साथ दोनों मुमुक्षु आत्माओं की जय जयकार के नारे लगे।

थांदला की पावन धरा पर आचार्य जयानन्द सूरीश्वरजी ने दिया दीक्षा मुहूर्त

संसार दावानल को संयम से शांत किया जा सकता है - आचार्य श्रीजयानन्दजी

दीक्षा तिथि की घोषणा कर मंगल आशीर्वाद प्रदान करते हुए आचार्यश्री ने उपस्थित सभासद से पूछा कि कोई भवन के 16 मालें में आग लगी हो और आप 17वें माले में हो तब आप क्या करोगे ..? उन्होंने कहा सभी बचने का प्रयास ही करेंगे कैसे भी हो हम बच जायें क्योंकि जान है तो जहान है ... बस इसी प्रकार मुमुक्षु आत्मा भी संसार को दावानल समझकर उससे निकलने के लिये संयम पथ पर चलने को तैयार हो जाती है। उन्होंने आगे कहा कि जिनशासन का आधार ही साधु, साध्वी, श्रावक, श्राविका है, उनके होने से सूर्योदय है और उनके ना होने से सूर्यास्त के समान अंधकार है। उन्होंने कहा कि श्रावक भी वही होते है जो संतों के विचरण क्षेत्र में रहते है। आचार्य श्री ने कहा कि राम का नाम जगत में प्रख्यात है और आज भी सभी समुदाय में वे पूज्य है उसका कारण उनके पूर्वजों का आचरण ही है। 

थांदला की पावन धरा पर आचार्य जयानन्द सूरीश्वरजी ने दिया दीक्षा मुहूर्त

मोबाईल गन्दगी का साधन इसका ज्यादा उपयोग जैन समाज के लिये ठीक नही 

आचार्यश्री ने सभी सभासदों को किसी भी प्रकार से मोबाइल का उपयोग नही करने की सलाह देते हुए उसे गन्दगी से भरा हुआ बताया। उन्होंने कहा आज इसी मोबाइल में गन्दगी के बीच भगवान के फोटो आदि रखते है, जिससे अनजाने में हम इस मोबाइल के द्वारा न जाने कितने बड़े पाप के भागी बनते जा रहे है। एक बात करने के लिये उपयोगी साधन में आज गन्दगी ही गन्दगी भरी हुई है। इसी के साथ उन्होंने धर्मसभा में किसी भी प्रकार से मोबाइल में फोटों आदि लेने से भी मना कर दिया।

सभा में मुमुक्षु बहन संग परिवार ने दिया आमंत्रण

आचार्यश्री के मुखरविन्द से दीक्षा तिथि मुहूर्त तय हो जाने के बाद गुरुदेव से आशिर्वाद प्राप्त कर मुमुक्षु बहनों ने अपनी संयम यात्रा के प्रारम्भ अवसर पर सभी संघजनों को मंगल आशीर्वाद प्रदान करने के लिये आमंत्रित किया। उनके साथ आये परिजनों द्वारा भी सभी संघजनों से दीक्षा तिथि पर आने की विनती की गई।

मुमुक्षु बहन का हुआ बहुमान निकला वरघोड़ा बाँटी प्रभावना 

थान्दला मूर्तिपूजक श्रीसंघ ने इस शुभ अवसर का लाभ उठाते हुए दोनों मुमुक्षु बहनों का वरघोड़ा निकाला व 100 रुपयें की प्रभावना बाँटी। वही इस अवसर पर लाभ लेने पधारें मोदरा, सियाणा, खाचरौद, झाबुआ आदि संघ के श्रावक श्राविकाओं के आतिथ्य सत्कार का लाभ भी लिया वहीं तपस्वियों के पारणें व उनके आतिथ्य का लाभ संघ के यतीश नन्दलाल छिपानी परिवार ने लिया। धर्मसभा का संचालन पूर्वाध्यक्ष उमेश बी पीचा ने किया।

Post a Comment

Previous Post Next Post