समाजजनों के घर-घर पधारकर अष्ट प्रभावक एवं पंन्यास प्रवर कर रहे पगलियाजी
जीवन में अनुषासन एवं धर्म की महत्वता का पढ़ाया जा रहा पाठ
झाबुआ - श्री ऋषभदेव बावन जिनालय में चल रहे श्री नवल स्वर्ण जयंती चातुर्मास अब अपने समापन की ओर है। इसी बीच राजस्थान केसरी अष्ट प्रभावक आचार्य नरेन्द्र सूरीष्वरजी मसा ‘नवल’ एवं पंन्यास प्रवर जिनेन्द्र विजयजी मसा ‘जलज’ द्वारा पोषध शाला भवन में प्रवचन देने के साथ समाजजनों के घर-घर पधारकर पगलियाजी कर रहे है। समाजजनों को धर्म उपदेश दिया जा रहा हेै।
अष्ट प्रभावक नरेन्द्र सूरीष्वरजी मसा एवं पंन्यास प्रवर जिनेन्द्र विजयजी मसा का विगत 10 जुलाई को झाबुआ शहर में ऐतिहासिक मंगल प्रवेष ऐतिहासिक शोभयात्रा के साथ हुआ था एवं 11 जुलाई से झाबुआ में श्री नवल स्वर्ण जयंती चातुर्मास का आगाज हुआ। चातुर्मास के दोरान समाजजनों में जप, तप, आराधना की झड़ी लगी रहीं। अनेक धार्मिक अनुष्ठान भी इस दौरान संपन्न हुए। पर्यूषण महापर्व भी मनाया गया। चातुर्मास का समापन 11 नवंबर को होगा। 12 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा पर अष्ट प्रभावक एवं पंन्यास प्रवर बावन जिनालय से श्री गोड़ी पाष्र्वनाथ तीर्थ पधारेंगे। यहां उनकी निश्रा में विभिन्न र्धािर्मक कार्यक्रम संपन्न होंगे।
घर-घर पगलियाजी कर दे रहे धर्म उपदेश अष्ट प्रभावक एवं पंन्यास प्रवर द्वारा सिद्धेष्वर काॅलोनी में अभय धारीवाल के निवास पर पगलिया कर धर्म उपदेष दिया। बाद यहां से नरेन्द्र पगारिया के निवास पर भी पहुंचकर पगलियाजी किए। हेमेन्द्र बाबेल के निवास पर मसा ने पगलियाजी कर मसाद्वय ने जीवन में अनुशासन एवं धर्म की महत्वता को प्रतिपादित किया।
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