मध्य प्रदेश सरकार के साथ केंद्र सरकार कर रही सौतेला व्यवहार
उज्जैन (दीपक शर्मा) - प्रदेश प्रवक्ता नूरी खान ने पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि, मध्यप्रदेश ने अति वर्षा एवं बाढ़ से भीषण प्राकृतिक आपदा का सामना किया है इस आपदा से समूचे मध्यप्रदेश में 52 में से 39 जिलों की 284 तहसील प्रभावित हुई है सर्वाधिक नुकसान मध्य प्रदेश के अन्नदाता किसानों का हुआ है।
देश के संघीय ढांचे व्यवस्था है कि जब किसी भी राज्य पर ऐसी भीषण प्राकृतिक आपदा आती है तब केंद्र सरकार का दायित्व होता है कि वह राष्ट्रीय आपदा कोष से राज्य की सहायता करें ।इसी के दृष्टिगत केंद्र सरकार को विधिवत रूप से विस्तृत प्रतिवेदन दिया गया है ,और केंद्र सरकार से 6621 करोड रुपए की मांग की गई है मगर दुर्भाग्यपूर्ण है कि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा देश के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को राहत के लिए प्रतिवेदन सौंपने के बावजूद आज दिनांक तक केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय आपदा कोष (एनडीआरएफ) से एक भी पैसा नहीं दिया गया है ।मुख्यमंत्री के निर्देश पर मध्य प्रदेश की राज्य सरकार ने अपनी ओर से प्रदेश के नागरिकों के जान-माल की हानि होने सेे उन्हे दो सौ करोड़ रु ,अब तक वितरित किए हैं ,साथ ही 270 करोड़ रुपए की राशि उन जीीलोो में तत्काल वितरित कराई गई है। किसानों की फसलें सर्वाधिक प्रभावित हुई हैं ।
