ख्रीस्त राजा की जयकारांं से गूंज उठा चर्च प्रांगण
इसाई संप्रदाय ने धूमधाम से मनाया ख्रीस्त राजा का पर्व
झाबुआ (अली असगर बोहरा) - आया यीशु राजा, बोलो जय-जयकार, शांति का राजा आ गया, बोलो जय-जयकार…, जैसे सुमधुर भजनों से 24 नवंबर, रविवार को कैथोलिक चर्च प्रांगण गूंज उठा। अवसर रहा ख्र्रीस्त राजा के पर्व का। समाजजनों में भी पर्व को लेकर सुबह से ही उत्साह का माहौल बना रहा।
ख्रीस्त राजा के पर्व को लेकर समाजजन एक सप्ताह पहले से ही तैयारियों में जुटे हुए थे। रविवार सुबह 8 बजे स्थानीय ज्योति भवन खेल मैदान में समाजजनों एकत्रित होकर प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी इसाई समुदाय ने ख्रीस्त राजा पर्व धूमधाम से मनाया। सर्वप्रथम मिस्सा बलिदान का आयोजन हुआ। जिसे बिशप डॉ बसिल भूरिया एसवीडी द्वारा अर्पित किया गया। बिशप बसील भूरिया के साथ सहायक याजकों के रूप में पल्ली पुरोहित फा. प्रताप बारिया, फा. माईकल मकवाना, फा. विरेन्द्र, फा. अमुदकनी, फा. ईम्बानाथन, फा. जॉनसन उपस्थित थे।
राजा का मतलब लोगों की सेवा करना
श्रद्धालुओं को बिशप डॉ. बसिल भूरिया ने अपने उदबोधन में येसु को ख्रीस्त राजा के रूप में परिभाषित किया। उन्होने लोगों को राजा के सही मतलब को समझाया। राजा अर्थात केवल शासन करने वाला नहीं, अपितु लोगों की सेवा करने वाला होता है। उन्होने प्रभु येसु ख्रीस्त के सेवाभावी जीवन त्यागमय स्वरूप को प्रदर्षित किया। कैथोलिक डायोसिस पीआरओ फादर रॉकी शाह ने बताया मिस्सा बलिदान के बाद धर्मसभा जुलुस में परिवर्तित होकर जुलुस ज्योति भवन प्रागण से विवेकानंद कॉलोनी, सज्जन रोड़, राजवाडा वौक, आजाद चौक, बाबेल चौराहा, थांदला गेट, मेन बाजार, गांधी चौराहा होते हुए कैथोलिक चर्च पहुंचा।
विश्व शांति के लिए की प्रार्थना
राजवाड़ा पर बिशप बसील भूरिया द्वारा विष्व शांति के लिए प्रार्थना की गईं। उन्होंने आपसी प्रेम-भाईचारे का संदेश दिया। चर्च प्रांगण में अंतिम प्रार्थना और लोगों को आषीर्वाद दिया गया। वहीं बिशप बसील भूरिया द्वारा सभी समाजजनों को ख्रीस्त राजा के पर्व की बधाई देने के साथ पिछले एक सप्ताह से तैयारी कर रहे विभिन्न दलों को धन्यवाद ज्ञापित किया। अंत में सामुहिक भोज का आयोजन हुआ। उक्त संपूर्ण जानकारी समाज के युवा निकलेश डामोर ने दी।
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