गैर आदिवासियों के डाईवर्जन के सबंध में रास्ते खोलने के विरोध में जयस ने सोपा ज्ञापन
आलीराजपुर (रफीक कुरैशी) - प्रदेश सरकार द्वारा मध्यप्रदेश भु राजस्व सहिंता 1959 की धारा 172 के विलोपन आदिवासी क्षेत्रों में गैर आदिवासियों के डाईवर्जन के सबन्ध में रास्ते खोलने जाने के विरोध में आदिवासी समाज द्वारा प्रदेश में विरोध दर्ज करवाना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में जिले के भाबरा ओर अलीराजपुर मुख्यालय पर सेकड़ो की संख्या में आदिवासी समाज के युवा नारेबाजी करते हुए कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और तहसीलदार श्री तिलवारे को राष्ट्रपति, राज्यपाल, मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपकर इस बिल का विरोध किया। ज्ञापन मे उन्होने बताया हे कि सरकार द्वारा विकास के रास्ते खोलने के बहाने आदिवासी क्षेत्रों में गैर आदिवासियों के डाईवर्जन सबंधी अधिकार देने का प्रावधान किया है। साथ ही कलेक्टर की अनुमति भी समाप्त कर दी है। इस बिल के बाद गैर आदिवासियों की घुसपैठ आदिवासी क्षेत्रों में बढ़ जाएगी। जिससे उनकी संस्कृति, सभ्यता,परम्परा को प्रभावित करेगे ओर उनकी जमीनें छीनने का डर भी बढ़ जाएगा। ऐसा बिल लाकर सरकार ने आदिवासी विरोधी मानसिकता दिखाई है। जिसका आदिवासी समाज सख्त विरोध करता है। इस सबंध में पत्र लिखकर विरोध जताया है। वही आदिम जाति कल्याण विभाग मंत्री श्री मरकाम द्वारा भी मुख्यमंत्री से बात कर इस बिल को न लाने की बात कही। जयस ने चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसे प्रावधान को तत्काल निरस्त करे नही तो भोपाल मे आंदोलन किया जाएंगा। इस अवसर पर सालम सोलंकी, सुरेश सेमलिया, राजेन्द्र सोलंकी, भुरू मंडलोई, मुकेश रावत, मालसिंह तोमर, सुनील, अरविंद कनेश, सुरेश सेमलिया, साकेश, वालसिंह आदी मौजूद थे।