वृद्धावस्था जीवन का कठिन पडाव - मित्तल
अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर हुआ आयोजन
धामनोद (मुकेश सोडानी) - वृद्धावस्था जीवन का एक ऐसा कठिन पड़ाव है जहां व्यक्ति को किसी सहारे की आवश्यकता होती है। ऐसे समय में उन्हें अपनों की आवश्यकता होती है ना की वृद्धाश्रम की। उक्त बात मराल ओवरसीज कंपनी के मालिक डीके मित्तल ने मंगलवार को अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के अवसर पर ग्राम खल बुजुर्ग के शांति निकेतन आश्रम मैं आयोजित वृद्धजन सम्मान समारोह मैं बतौर अतिथि कहीं। श्री मित्तल ने कहा कि हम आश्रम के सभी वृद्धजनों की सेवा के लिए सदैव तत्पर है और रहेंगे। कार्यक्रम में पार्षद विजय राठौड कसरावद, मराल कम्पनी के कारखाना प्रबंधक राजकुमार गीते, मोहन भागवत, सामाजिक कार्यकर्ता सुधीर सराफ व राधेश्याम पाटीदार बतौर अतिथि उपस्थित थे। कार्यक्रम में आश्रम की सबसे वृद्धा 98 वर्षीय धनु बाई का अतिथियों ने श्रीफल व रुमाल भेंटकर सम्मान किया गया। वही उपस्थित सभी बुजुर्गों को पुष्पा हार पहनाकर स्वागत किया। इस अवसर पर राजकुमार गीते, विजय राठौड़, मोहन भागवत ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन वृद्धआश्रम के संचालक गजेंद्र बजाज ने किया। कार्यक्रम के पूर्व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कसरावद की टीम द्वारा बुजुर्गों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया गया।
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