वैश्य समाज ने मरीजो को किए फल वितरित, स्वच्छता का संदेश देकर गांधी जयंती मनाई
झाबुआ (अली असगर बोहरा) - अहिंसा की राह पर चलते हुए मोहनदास करमचंद गांधी ने अपने आंदोलनों और महज एक लाठी के दम पर देश से अंग्रेजों को भागने पर मजबूर कर दिया।आम तौर पर दुनिया उन्हें महात्मा गांधी के नाम से जानती है। भारत देश की स्वच्छता एवं सुंदरता के लिए महात्मा गांधी ने हमेशा चिंता कर प्रयास किया है बापू की 150 वीं जयंती पर मध्य प्रदेश वैश्य महासंघ द्वारा बापू के विचारों का आत्मसात करते हूए। झाबुआ वैश्य समाज द्वारा झाबुआ के जिला अस्पताल में उपस्थित मरीजों को फल दूध एवं बिस्किट वितरित किए गए उक्त आयोजन के बाद वैश्य समाज के समस्त सदस्य एवं पदाधिकारियों ने अस्पताल प्रांगण एवं आसपास के एरिया में सफाई अभियान चलाया एवं उपस्थित लोगों के साथ मिलकर वैश्य समाज द्वारा स्वच्छ भारत सुदर भारत का संकल्प भी लिया गया। समाजसेवी विनोद बाफना ने बताया कि गांधीजी ने अपने बचपन में ही भारतीयों में स्वच्छता के प्रति उदासीनता की कमी को महसूस कर लिया था उन्होंने किसी भी सभ्य और विकसित मानव समाज के लिए स्वच्छता के उच्च मानदंड की आवश्यकता को समझा। उनमें यह समझ पश्चिमी समाज में उनके पारंपरिक मेलजोल और अनुभव से विकसित हुई। अपने दक्षिण अफ्रीका के दिनों से लेकर भारत तक वह अपने पूरे जीवन काल में निरंतर बिना थके स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करते रहे। गांधीजी के लिए स्वच्छता एक बहुत ही महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दा था।
इस अवसर पर वैश्य समाज के संभागीय अध्यक्ष विनोद बाफना, समाज के जिला अध्यक्ष मनोहर सेठिया, उपाध्यक्ष बबलू सकलेचा, जिला सचिव पुर्वेश कटारिया एवं अन्य सदस्य भी उपस्थित रहे।
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