शरद पूनम को देर रात अमृत वर्षा तक चलते रहे गरबें
कालिका माता मंदिर प्रांगण पर हुआ आयोजन
थांदला (कादर शेख) - मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात देवलोक से अमृत बरसता है जिसके रसास्वादन से जनता निरोगी बन जाती है। सनातन काल से इस दिन चाँदनी रात में बाहर दूध खीर पाक बनाने का चलन है। अधिकांश मन्दिरों में आज भी इस परम्परा का निर्वहन किया जाता है। स्थानीय कालिका माता मंदिर प्रांगण में आयोजन समिति द्वारा माता के दरबार मे रात्रि 9 बजे कालिका माताजी की महा आरती की गई उसके बाद नन्दिश बंदिश की आर्केस्ट्रा पार्टी पर गरबा डांडिया रास का आयोजन किया गया, जिसपर स्थानीय युवाओं के साथ महिलाओं ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। वही समिति ने सभी के लिये अमृतपान करवाने के लिये 111 लीटर दूध की खीर व 71 किलों साबूदाने की खिचड़ी प्रसादी का भी आयोजन किया गया।
बिहारी मंदिर पर नागर समाज ने खेले गरबें
स्थानीय बांके बिहारी मंदिर पर प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी नागर समाज ने गरबा रास का आयोजन रखा वही दूध प्रसादी सभी बांके बिहारी भक्तों को प्रदान की गई
गुरुद्वारा में हुई भक्ति
वैकुण्ठ धाम सरस्वती नंदन स्वामी महाराज की तपोभूमि गुरुद्वारा पर न्यास मण्डल व गुरु भक्तों ने मिलकर भजन कीर्तन का आनन्द लिया। वही स्थानीय मठ वाला कुंआ स्थित अम्बे माता मन्दिर पर भी दूध प्रसादी व महा आरती का आयोजन हुआ।
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