सैकड़ों बाल स्वयं सेवकों ने सड़कों पर किया कदम ताल, कम उम्र के बालको में भी दिखा उत्साह
झाबुआ (मनीष कुमट) - राष्ट्रीय स्वयं सेवक द्वारा झाबुआ के बालकों में राष्ट्रीय भावना एवं उन्हें भारतीय हिन्दू संस्कृति से जोड़े रखने के लिए 30 अक्टूबर, बुधवार शाम 5 बजे से स्थानीय काॅलेज मार्ग स्थित आजाद वाटिका से बाल पथ संचलन निकाला गया। जिसमें सैकड़ों बाल स्वयं सेवक, संघ की गणवेष में हाथों में दंड लिए शहर की सड़कों पर कदमताल करते हुए चले। पथ संचलन का जगह-जगह विभिन्न सामाजिक-धार्मिक संस्थाओं एवं व्यापारियों द्वारा स्वागत भी किया गया।
संचलन अलग-अलग क्रम में निकला। सबसे आगे बैंड के साथ बालक चलने के साथ इसके पीछे संघ का ध्वज लिए बालकों ने राष्ट्र प्रेम का परिचय दिया। अलग-अगल समूह में बैंड के पीछे सैकड़ों बाल स्वयं सेवक पथ संचलन करते हुए कतारबद्ध होकर शहर के आजाद वाटिका से राजवाड़ा, राधाकृष्ण मार्ग, जैन मंदिर तिराहा, रोहीदास मार्ग, सिद्धेष्वर महादेव मंदिर परिसर, थांदला गेट, बाबेल चैराहा आजाद चैक, कस्तूरबा मार्ग, बाल मंदिर परिसर, भोज मार्ग से पुनः समापन मोगली गार्डन पर ही हुआ। पथ संचलन में व्यवस्था में सहयोग आरएसएस से जुड़े प्रेम अदीपसिंह पंवार, विवेक दुबे, सुभाष गिधवानी, महेन्द्रसिंह पंवार, दर्शन कहार आदि का रहा।
सकल व्यापारी संघ ने राजवाड़ा पर किया स्वागत
सकल व्यापारी संघ द्वारा शहर के राजवाड़ा चैक पर पथ संचलन में शामिल बाल स्वयं सेवकों का स्वागत पुष्प वर्षा कर किया। इस अवसर पर सकल व्यापारी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष कमलेष पटेल, लोकेन्द्र बाबेल, सचिव पंकज जैन मोगरा, सह-सचिव हरिष शाह लालाभाई, वरिष्ठ नितेष कोठारी, मनोज सोनी, जय भंडारी, महिला इकाई अध्यक्ष भूमिका माहेष्वरी आदि उपस्थिित थे। वहीं इससे पूर्व सिलेक्षन गारमेंट्स की ओर से भी सभी स्वयं सेवकों पर पुष्प वर्षा की गई। बाबेल चैराहा पर हेमेन्द्र नाना राठौर के नेतृत्व में अन्य लोगो ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया।
3 साल के पवन और साढ़े 4 साल के हार्दिक में भी देशप्रेम का जुनून बाल पथ संचलन में 3 वर्ष के पवन जितेन्द्रसिंह पंवार निवासी लक्ष्मीगनर एवं राजवाडा निवासी हार्दिक भावेष चैहान उम्र साढ़े 4 वर्ष तथा मिथिलेश शकित चैहान उम्र 6 वर्ष भी शामिल होने के लिए आजाद वाटिका पहुंचे। इन बालकों से चर्चा में उन्होंने देशभक्ति के प्रति अपने प्रेम और जूनून को अभिव्यक्त किया। इसमें पवन को गवणेश एवं दंड के साथ लेकर उनके पिता जितेन्द्रसिंह पंवार पहुंचे वहीं हाद्रिक ने भी पहली बार पथ संचलन में सहभागिता की।
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