रजत महोत्सव के दूसरे दिन बड़ी संख्या में पहुंचे ओकारेश्वर संत
ओंकारेश्वर (लाकित दुबे) - नमः शिवाय मिशन शिव कोठी ओकारेश्वर की रजत जयंती समारोह का द्वितीय दिवस के प्रथम सत्र का समापन हर्षोल्लास से हुआ इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पुनासा के स्वामी अवधेशानंद जी नवधा उत्तर तट से महामंडलेश्वर डॉक्टर कल्याणी माता जी तथा बड़वाह के चेतन संयास आश्रम के संत स्वामी श्री शिव चैतन्य पुरी जी के शिष्य श्याम चैतन्य पुरी जी मंच पर उपस्थित थे।
द्वितीय दिवस के प्रथम सत्र में उन लोगों ने अपने विचार प्रकट किए हैं साहित्य सरोजिनी सम्मान से पुरस्कृत किया गया था अपने उद्बोधन में नागपुर के डॉ प्रभा मेहता ने ओम नमः शिवाय पर स्वामी जी के कार्यों को सराहना देते हुए एक नोट अभियान से आम आदमी को जोड़कर उसे मोक्ष दिलाने वाले कार्य को महती कार्य बताया जब कोई व्यक्ति कल्याण से भर उठता है और जनकल्याण के लिए निकल पड़ता है तो उसके अंदर कैसे जागृत हो जाता है वही अपने सम्मान के उत्तर में जयपुर से पधारे श्री भगवान अटलानी ने कहा कि एक रोटी मिशन और नमः शिवाय बाबा एक दूसरे के पूरक हो गए हैं
शिवकांत कल्याणकर होता है और जब कोई व्यक्ति कल्याण की भावना से ओतप्रोत होकर जल सीमा में जुड़ जाता है
उदयपुर से पधारी ने कहा कि जीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं और हमें अपने हर मुसीबत के समय उस परम शिव को नहीं भूलना चाहिए उन्होंने कहा कि उस परम शिव को अपने हृदय में धारण कर यदि हम अपने मार्ग पर चलना प्रारंभ करते हैं तो स्वयं ईश्वर ही हमारा मार्ग प्रशस्त करते हैं शिव कोठी ओकारेश्वर में होने वाली सेवा गतिविधियों को अमूल्य बताते हुए कार्यों की प्रशंसा की इस अवसर को भी सम्मानित किया गया जिन्होंने अधिकारियों में अपना सर्वस्व निछावर कर दिया
इस अवसर पर नासिक के श्री पोपटलाल ठक्कर तथा वृंदावन के श्री नरेंद्र कुमार जी गुप्ता के आदम कद चित्रों का विमोचन किया गुप्ता एवं ठक्कर के परिजनों को सम्मानित भी किया गया इन दोनों सर मित्रों को वर्णों प्रांत हरिश्चंद्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया धर्म सभा को संबोधित करते हुए कल्याणी माताजी ने कहा कि समाज को साधु संतों का अपमान नही करना चाहिए उन्होंने साधुओं के द्वारा समाज को दी जाने वाली बातों का विशेष उल्लेख किया उन्होंने कहा कि प्रत्येक जीव में ईश्वर विराजित है और हमें यह बात नहीं भूलनी चाहिए अपने उद्बोधन में महामंडलेश्वर श्याम चैतन्य जी महाराज ने सद्गुरु की महिमा का वर्णन करते हुए गुरु के चरणों का स्मरण कर लोक कल्याण में गुरु के कार्यों का वर्णन किया प्रथम सत्र यहीं समाप्त हुआ तत्पश्चात द्वितीय सत्र में शीश हर्षवर्धन पुरस्कार प्रदान किए गए जिसमें जिन लोगों ने नमः शिवाय मिशन ट्रस्ट को आगे बढ़ाने में अपने उल्लेखनीय सेवाएं दी गई उन सब लोगों को यहां पर मंच पर सम्मानित किया गया वित्तीय सत्र में मंच पर महामंडलेश्वर श्री परमानंद जी महाराज महंत श्री आनंद जी महाराज श्री विद्यानंद जी महाराज एवं श्री सुरेंद्र गिरी जी महाराज उपस्थित थे संतों ने अपनी बातों में लोगों को प्रभु के स्मरण करते हुए संस्था के साथ जीवन जीने की बात कही उन्होंने कहा कि स्वामी शिव भारती जी महाराज के सेवा कार्यो से जुड़कर आप अपने और अपने परिजनों के विकास का कार्य कर रहे हैं अद्भुत सर्वोपरि है उन्होंने अधिक से अधिक लोगों को मिशन के सेवा कार्यो में जुटने का आवाहन किया।
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