रेलवे पुलिस व रेलवें सुरक्षा समिति के सार्थक प्रयास गुमशुदा दो नाबालिग बच्चों को एक दिन में ही खोज निकाला
झाबुआ (अली असगर बोहरा) - प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले दिनों एक नाबालिक लड़की घर पर पढ़ाई को लेकर हुए विवाद के कारण घर छोड़कर भाग गई थी। परिजनों की सूचना पर मामले को गम्भीरता से लेते हुए रतलाम मंडल के इंदौर स्टेशन पर कार्यरत आरपीएफ वरिष्ठ सुरक्षा आयुक्त के मार्गदर्शन में इंदौर आरपीएफ की टीम द्वारा विभिन्न थानों पर सूचना देते हुए शाम 4:00 बजे के बाद इंदौर से रवाना हुई ट्रेनों में सर्च ऑपरेशन शुरू किया। करीबन 2 घंटे की खोजबीन के बाद आरपीएफ के जवानों को उक्त बच्ची इंदौर से मुंबई की ओर जाने वाली अवंतिका एक्सप्रेस में मिली। उस बच्ची को महिला कांस्टेबल की सहायता से दाहोद में उतारकर उसके परिवारजनों को संपर्क कर दाहोद थाने पर आवश्यक कार्रवाई पूरी करते हुए सुपुर्द किया गया।
ऐसा ही एक मामला और सामने आया है 11 वर्षीय नाबालिक गुमशुदा बच्चे को थांदला रोड पर पाए जाने की सूचना के बाद आरपीएफ जवान ने जीआरपी रेलवे सुरक्षा समिति के थाना संयोजक पवन नाहर थांदला रोड अध्यक्ष सोहन सिंह परमार मेघनगर के अली अजगर बोहरा के सार्थक प्रयासों द्वारा उनके परिजनों को सूचित कर उन्हें मेघनगर बुला कर आवश्यक कार्रवाई करते हुए सौंप दिया। आरपीएफ़ द्वारा की गई सराहनीय कार्यवाही को ध्यान में रखकर रतलाम मण्डल डीआरएम सोनकर द्वारा उक्त महिला कॉस्टेबल व जवान को रतलाम मंडल कार्यालय पर बुलाकर पुरस्कृत किया गया है। गौरतलब है कि रतलाम मंडल के आरपीएफ जीआरपी रेलवे सुरक्षा समिति मेघनगर व चाइल्ड हेल्पलाइन की मदद से पिछले 2 सालों में 327 गुमशुदा बच्चों को अपने परिजनों से मिलाने का सुखद अनुभव पाया है।
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