परिषद कर रही एक तरफ स्वच्छता का दावा तो दूसरी तरफ नगर में हाल बेहाल, कई जगह गंदगी की भरमार
धामनोद (मुकेश सोडानी) - नगर परिषद् धामनोद नगर में स्वच्छता को लेकर कई कदम उठाने के दावे किए जा रहे हैं लेकिन धरातल पर मूर्त स्थिति भी नहीं है नगर में जगह-जगह गंदगी और कूड़े करकट के ढेर रोड पर बैठे मवेशी अपनी यथास्थिति अलग ही बयां करते हैं दो दिन पूर्व परिषद के जवाबदारो ने एक प्रेस नोट भेज कर दावा किया कि परिषद् द्वारा विषेष रात्रिकालिन सफाई की जा रही है, आम नागरिकों हेतु स्वच्छ व सुंदर सार्वजनिक एवं सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया गया है, साथ ही नगर परिषद् द्वारा मलेरिया, हेजा एवं डेंगू जैसी बिमारियों को खत्म करने हेतु वार्डवार किटनाशक दवाईयों का छिड़काव किया जा रहा है
लेकिन नगर के कई ऐसे वार्ड और ऐसे कई स्थान है जहां पर यह दावे खोखले साबित हो रहे हैं प्रेस नोट में बताया गया कि नगर परिषद् द्वारा घरों के सेप्टिक टैंक से निकलने वाले मल को खुले में बहाने, खुले में पेषाब करने, खुले में शौच करने, सार्वजनिक स्थानों पर कचरा डालकर गंदगी करने पर जुर्माना राषि अधिरोपित की गई है। लेकिन यह सिर्फ कागजों तक ही सिमट गई हालांकि कुछ कार्य परिषद के द्वारा किए गए जिसमें शहर से निकलने वाला सेप्टिक टैंक का मल ट्रेचिंग ग्राउण्ड पर स्थित फीकल एवं स्लज प्लांट पर ही डाला जाता है। फलस्वरूप नगर में विगत 02 वर्षो में खुले में मल डालने अथवा मानव श्रम द्वारा मल परिवहन किये जाने संबंधित घटना नही हुई है लेकिन धरातल पर परिषद के बताए गए कार्य पूर्ण रूप से लागू नहीं हुए हैं स्वच्छता को लेकर जो दिखावे खर्च कर किए जा रहे हैं वह निचली बस्तियों में कुछ और ही मंजर दर्शाते हैं मंडी रोड महेश्वर मार्ग आदि कई कालोनियों में गंदगी की भरमार है जिसमें परिषद की साफ-सफाई दवा आदि छिड़काव की व्यवस्थाएं की सीधी सीधी पोल खुल रही है।
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