किसानों के अरमानों पर पानी ने पानी फेरा गत वर्ष की अपेक्षा आधी उपज भी नहीं मिल पा रही
धामनोद (मुकेश सोडानी) - इस वर्ष अधिक वर्षा से किसानों के अरमान पानी में बह गए अतिवृष्टि से किसानों की फसलें चौपट हो गई लगातार बरसात ने फसलों को काला कर दिया जिससे अब भाव के साथ साथ उत्पादन पर भी गहरा असर पड़ा है 3 दिन पूर्व मौसम खुलने के बाद मंडी में मक्का और सोयाबीन की आवक बढ़ी लेकिन भाव आशा अनुसार नहीं मिल पा रहे हैं गत वर्ष जो भाव थे उसी भाव से इस वर्ष फसल का मूल्य मिल पा रहा जबकि फसल का उत्पादन आधे से भी कम रह गया ग्रामीण किसान बलराम पटेल राधेश्याम पाटीदार आदि ने बताया कि गत वर्ष 1 बीघा में करीब 30 कुंटल मक्का का उत्पादन होता था तथा सोयाबीन एक बीघा में 10 कुंटल के आसपास होते थे जो अब 15 कुंटल तथा 3 कुंटल पर सिमट गई अधिक वर्षा से फसलें चौपट हो गई कथा आशा अनुसार भाव भी नहीं मिल पा रहे है
मुआवजा की राह देख रहे हैं किसान
विगत दिवस प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक में अतिवृष्टि से हुए नुकसान के आकलन को लेकर मुआवजा दिलाने की बात कही थी अब उसकी राह किसान देख रहे हैं किसानों को विश्वास है कि सरकार उनके हित में निर्णय लेकर हुए नुकसान की भरपाई मुआवजे के रूप में करेगी
मंडी में मक्का की आवक बढ़ी
विगत दो दिन से लगातार मंडी में कपास एवं मक्का की आवक बढ़ गई है लेकिन अधिक वर्षा के चलते फसलें प्रभावित हुई साथ-साथ फसलों की गुणवत्ता भी प्रभावित हुई इससे चलते व्यापारी भाव में बोली कम लगा रहे हैं कहीं न कहीं किसान अब इन सब चीजों से पीड़ित है धरमपुरी विधायक पाचीलाल मेड़ा ने बताया कि मुआवजे की प्रक्रिया जारी है जल्द किसानों को इसका लाभ मिलेगा सरकार हर हाल में किसानों के साथ है
Tags
dhar-nimad