गुरुकुल स्कूल ने जीती राष्ट्रीय समूहगान प्रतियोगिता उपविजेता रही निमाड़ केंब्रिज पब्लिक स्कूल | Gurukul school ne jiti rastriy samuhgaan pratiyogita

गुरुकुल स्कूल ने जीती राष्ट्रीय समूहगान प्रतियोगिता उपविजेता रही निमाड़ केंब्रिज पब्लिक स्कूल

गुरुकुल स्कूल ने जीती राष्ट्रीय समूहगान प्रतियोगिता उपविजेता रही निमाड़ केंब्रिज पब्लिक स्कूल

धार एवं खरगोन जिले से कुल 7 टीमों ने सहभागिता की

धामनोद (मुकेश सोडानी) - नगर के अग्रणी सामाजिक संगठन भारत विकास परिषद के तत्वावधान में गुरुवार को ॐ शान्ति आश्रम में शाखा स्तरीय राष्ट्रीय समूहगान प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । प्रतियोगिता में धामनोद की 5 टीमों के अलावा मंडलेश्वर एवं निमरानी समेत कुल 7 टीमों ने भाग लिया । गीत और संगीत की समझ रखने वाले लोगों को यह आयोजन खूब भाया । प्रतियोगिता में किसी भी फिल्मी गीत को अथवा फिल्मी धुन को कोई स्थान नहीं दिया गया

राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम से हुआ शुभारंभ

सर्वप्रथम भारत विकास परिषद के अध्यक्ष द्वारका सराफ एवं सचिव  द्वारा मुख्य अतिथि  एंव विशिष्ट अतिथि एम एल महाजन, बालमुकुंद पाटीदार, के टी निमाडे व संत श्यामदास  महाराज, प्रतियोगिता के निर्णायको नारायण निमकर, अनिल शर्मा एवं मधु सराफ को मंचासीन कराया गया एवं राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के गायन के साथ आयोजन का शुभारंभ किया गया । अतिथियों द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन किया गया । परिषद सदस्यों द्वारा अतिथियों का स्वागत श्रीफल एवं रुमाल के द्वारा विशुद्ध भारतीय पारंपरिक रीति रिवाज के साथ किया गया ।  प्रतियोगिता का परिचय जानकारी एवं उससे संबंधित नियम शर्ते एवं अनुशासन की जानकारी परिषद के प्रांतीय संस्कार प्रमुख विजय नामदेव ने दी ।

प्रतियोगिता में धामनोद से गुरुकुल स्कूल,  दिल्ली पब्लिक इंटरनेशनल स्कूल,  निमाड़ कैंब्रिज स्कूल,  आदर्श एकेडमी  एवं हिमालय इंटरनेशनल स्कूल  तथा निमरानी से  विवेकानंद विद्या विहार, मंडलेश्वर से मां उमिया कन्या उमावि की टीमों ने भाग लिया ।

संस्कृत गीतों से की प्रस्तुति प्रारंभ :--
प्रतियोगिता में आई सभी टीमों द्वारा एक के बाद एक संस्कृत गीतों का प्रस्तुतीकरण किया गया । इनमे वंदे सदा स्वदेशम, जय भारत जननी, सादरं समिहताम, कृत्वा नव दृढ़ संकल्प, वंदे भारत मातरम, रक्षणम राष्ट्र रक्षणम जैसे संस्कृत के गीत जब प्रस्तुतीकरण हुए तो सभा में उपस्थित अधिकतर लोगों ने यही कहा कि हमने अपने जीवन में पहली बार संस्कृत के गीतों का कितना सुंदर संयत एवं शालीन प्रस्तुतीकरण देखा है । वाकई  यह एक अद्भुत अविस्मरणीय एवं अकल्पनीय घटना है जो हमारे जीवन में कभी भुलाए से भी नहीं भूलेगी ।

इसी प्रकार हिंदी गीतों में सूरज बदले चंदा बदले, भारत मां की संताने हम, कभी ना रोक सके, एक-एक पग बढ़ते जाएं, संग्राम जिंदगी है, आज तन मन और जीवन धन समर्पण तथा सबसे ऊंची विजय पताका जैसे देश प्रेम एवं राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत गीतों का जब मंच से विद्यार्थियों द्वारा सुरताल लय के साथ विभिन्न भाव भंगिमाओं को प्रदर्शित करते हुए सुंदर वेशभूषा में प्रस्तुतीकरण किया गया तो श्रोताओं एवं दर्शकों का रोम रोम सिहर उठा । किसी टीम की वेशभूषा पारंपरिक कुर्ता पजामा और साफे की थी तो कोई टीम राजस्थानी ड्रेस में कोई टीम रंग बिरंगी फैंसी ड्रेस में । इस प्रकार से नन्हे मुन्नों का समूहगान प्रतियोगिता के साथ एक रंग बिरंगा अद्भुत मेले का संयोजन भी दिखाई दे रहा था ।

आयोजन में  नगर के गणमान्य लोग उपस्थित थे

अनुशासन का बेहतरीन प्रदर्शन

सभी टीमों ने प्रतियोगिता के नियम शर्तों एवं अनुशासन को ध्यान रखते हुए अपना शत-प्रतिशत कौशल, ऊर्जा एवं सामर्थ्य लगाकर एक से बढ़कर एक प्रदर्शन किया ।टीमों में न्यूनतम गायकों की संख्या 6 व अधिकतम 8 रहही जबकि वादक अधिकतम 3 रहे । कोई भी बैटरी चलित अथवा इलेक्ट्रॉनिक वाद्ययंत्र की अनुमति नहीं थी । इसलिए वादक अपने साथ पारंपरिक वाद्य यंत्र लेकर आए थे । जिससे प्रस्तुतीकरण और भी उम्दा हो गया । प्रत्येक प्रस्तुति के लिए अधिकतम 7 मिनट का समय निर्धारित था । किसी भी टीम को विद्यालय की यूनिफार्म या अन्य कोई चिन्ह पहनने की अनुमति नहीं थी । यहां तक की टीमों को अपने विद्यालय का नाम लेने की भी अनुमति नहीं थी । कड़ी पारदर्शिता का अनुसरण करते हुए सभी टीमों को क्रमानुसार 1 से लेकर 7 तक टीमों के नंबर आवंटित किए गए एवं उसी अनुक्रम के अनुसार ही टीमों ने अपना प्रदर्शन किया । सभा में उपस्थित किसी भी निर्णायक अथवा श्रोताओं को यह पहचान नहीं हो पा रही थी कि कौन सी टीम किस स्कूल की है ।

5 बिंदुओं पर किया गया मूल्यांकन :--
राष्ट्रीय प्रतियोगिता के नियमानुसार निर्णायकों द्वारा प्रतियोगी टीमों के प्रदर्शन का मूल्यांकन 20- 20 अंकों के अंश में संगीत संयोजन, स्वर, ताल, उच्चारण एवं प्रस्तुतीकरण मानकों के आधार पर, इस प्रकार कुल 100 अंक एक प्रस्तुति हेतु मूल्यांकन किया गया । एक हिंदी एवं एक संस्कृत की प्रस्तुति एवं कुल 3 निर्णायक होने से प्रत्येक टीम के कुल पूर्णांक 600 में से प्राप्त किए गए कुल अंकों के आधार पर विजेताओं का निर्धारण किया गया ।

फिर बारी आई पुरस्कारों की

पुरस्कार वितरण समारोह के मुख्य अतिथि नगर परिषद उपाध्यक्ष विष्णु कर्मा रहे ।

निर्णायको द्वारा किए गए मूल्यांकन के आधार पर 496 अंकों के साथ गुरुकुल स्कूल की टीम विजेता घोषित हुई । जबकि धामनोद की ही निमाड़ केंब्रिज पब्लिक स्कूल 487 अंकों के साथ उपविजेता रही । तृतीय स्थान पर विवेकानंद विद्या विहार मराल सरोवर 449 अंकों के साथ रही । 

पुरस्कार वितरण में हालांकि प्रदर्शन सभी टीमों का उत्कृष्ट एवं सराहनीय रहा सभी टीमों ने सुर ताल लय एवं आपसी सामंजस्य का उचित ध्यान रखते हुए प्रस्तुतिकरण दिया ।

गुरुकुल स्कूल विजेता टीम ने आगामी 13 अक्टूबर को भोपाल में होने वाली प्रांत स्तरीय प्रतियोगिता के लिए प्रवेश प्राप्त कर लिया है ।

राष्ट्रगान के साथ समापन

पुरस्कार वितरण पश्चात राष्ट्रगान जन गण मन के साथ सभा का औपचारिक विसर्जन हुआ । कार्यक्रम का संचालन एवं आभार प्रदर्शन विजय नामदेव ने किया । 

आयोजन में परिषद के उपाध्यक्ष डॉ अजय चौहान के अलावा परिषद सदस्य डॉ सन्नी पंडित, विजेंद्र चौहान,  रमेश चंद्र वर्मा, राजु उतवानी, , मुकेश आगीवाल, संजय सेन, अनिल खजांची, मुकेश आगीवाल, राजेश पारीक के अलावा मातृशक्ति की ओर से शीतल अग्रवाल, सपना चौहान ने अपने अथक परिश्रम एवं सहयोग से आयोजन को सफल करने में अपना योगदान दिया।

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