पर्यूषण पर्व के अंतिम दिवस क्षमापना का संदेश दिया गया | Paryushan parv ke antim divas shamapna ka sandesh diya gaya

पर्यूषण पर्व के अंतिम दिवस क्षमापना का संदेश दिया गया

मेघनगर (जिया उल हक कादरी) - क्षमाभाव से युक्त चित्त, क्रोध से प्रेरित समस्त चेष्टाओं का निरोध करके स्वर में माधुर्य,नेत्रों में कृपा, होठों पर प्रसन्नता,मुख पर मुस्कान तथा हाथों में नमस्कार मुद्रा प्रदान कर शरीर के समस्त अंगों पर अनुशासन करता है।ऐसा ज्ञानी महापुरुषों का कथन है। इस क्षमापना पर्व की भूमिका के रूप में की गई पर्युषण पर्व की आराधना सफल बने ऐसी श्रीसंघ की ओर से मंगलकामनाएं प्रेषित की गई।

अणु स्वाध्याय भवन पर पर्वाधिराज पर्युषण में धर्माराधना करवाने के लिए पू.धर्मदास जैन स्वाध्याय संघ की ओर से पधारे वरिष्ठ स्वाध्यायी प्रदीप श्रीमाल ने क्षमा पर अपने विचार रखें।स्वाध्यायी कमलेश संघवी ने अंतगढ़दशांग सूत्र का वाचन किया।

पर्युषण पर्व के अंतिम दिवस संवत्सरी पर्व पर सरोज कुवाड तथा चंद्रकांता गोलेछा ने           नौ उपवास तथा नगीनलाल नाहटा,चांदमल चौरडिया,जयेश झामर,स्नेहलता वागरेचा,अलका सुराणा ने 8 उपवास,सुशीला झामर ने 4 उपवास एवं करीब 10 तपस्वियों ने तेला तथा 200 से अधिक श्रावक,श्राविकाओं व बच्चों ने उपवास व पौषध के प्रत्याख्यान ग्रहण किए।इस अवसर पर अनेक दानदाताओं ने श्रीसंघ,जीवदया तथा पाठशाला में दानराशि भी प्रदान की। 
इस अवसर पर पर्युषण में धर्माराधना करवाने आये स्वाध्यायी बंधुओं तथा 8 उपवास व इससे अधिक के सभी तपस्वियों का बहुमान श्रीसंघ द्वारा भेंट प्रदान कर किया गया। इन तपस्वियों का बहुमान विनोद बाफना परिवार द्वारा भी किया गया।
इस अवसर पर अणु-संस्कारशाला की संचालिका कु. दिव्या नाहटा,खुशबू मेहता,वर्षा मेहता एवं मोनिका खेमसरा का बहुमान भी श्रीसंघ द्वारा किया गया।

आतिथ्य सत्कार का लाभ जिनेंद्र कुमार बाफना परिवार द्वारा लिया गया।प्रभावना सुरेशचंद्र,रिंकू पूरणमल जैन परिवार तथा श्यामसुंदर,प्रकाशचंद,कांतिलाल भण्डारी परिवार की ओर से वितरित की गई।प्रतिक्रमण के पश्चात प्रभावना अनिलकुमार गेंदालाल मुणत परिवार द्वारा वितरित की गई।संचालन मनीष नाहटा ने किया।

संत-सतिजी से क्षमायाचना एवं दर्शनार्थ चार टूर निकाले जायेंगे

मेघनगर श्री संघ द्वारा प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी  निकटवर्ती एवं सुदूर क्षेत्रों में विराजित संत सतीजी के दर्शनार्थ अलग-अलग तिथियों में चार टूर निकाले जायेंगे। 
5 सितंबर गुरुवार को श्रीसंघ पेटलावद विराजित पूज्य गुरुभगवंत जिनेन्द्रमुनिजी आदि ठाणा के दर्शन,वंदन एवं सांवत्सरिक क्षमापना के पश्चात रतलाम पूज्या मुक्तिप्रभाजी म.सा.आदि ठाना के दर्शन वंदन एवं सांवत्सरिक क्षमापना हेतु प्रस्थान करेगा।इसके लाभार्थी वीणादेवी पूरणमल, सुरेशचंद्र,रिंकू जैन परिवार रहेंगे।

दूसरा टूर 9 सितंबर सोमवार को संजेली विराजित पूज्य संयतमुनिजी म.सा.आदि ठाना के दर्शन वंदन एवं संवत्सरी क्षमापना तथा लिमडी विराजित पूज्या सुशीलाजी म.सा.आदि के दर्शन वंदन एवं सांवत्सरिक क्षमापना हेतु प्रस्थान करेगा।इसके लाभार्थी हंसमुखलाल मिश्रीमल वागरेचा परिवार है।

तीसरा टूर 11 सितंबर बुधवार को कुशलगढ़ पूज्या पुण्यशीलाजी म.सा. के दर्शन प्रवचन और सांवत्सरिक क्षमायाचना के पश्चात थांदला पूज्या धैर्यप्रभाजी आदि ठाना के दर्शन वंदन कर सांवत्सरिक क्षमायाचना की जाएगी।इसके लाभार्थी विनोद रणजीतसिंह बाफना परिवार है।

चौथा सात दिवसीय टूर विशेष रुप से महाराष्ट्र विराजित संत सतीजी के दर्शनार्थ 15 सितंबर को निकाला जाएगा 2000 किलोमीटर के इस सात दिवसीय   टूर में इंदौर,करही, खिरकिया, यवतमाल,औरंगाबाद, निफाड़,सटाना,लासूर सिंदूर्णी,फतेहपुर,जलगांव भुसावल,बड़वानी होते हुए मेघनगर वापसी होगी। इस दर्शन यात्रा में पू.धर्मेंद्रमुनिजी,पू.अनुपम शीलाजी,पू.दिलीपमुनिजी,पू. मधुबालाजी,पू.सयंमप्रभाजी,पू. प्रवीणाजी,घोर तपस्वी पू. कानमुनिजी,पू.पंकजमुनिजी,पू. संदीपमुनिजी,पू.प्रेममुनिजी आदि ठाना से अलग-अलग स्थानों पर संघ द्वारा पहुंचकर संवत्सरी संबंधी क्षमायाचना की जाएगी।

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