केसर की क्यारी में अमर तिरंगा है - मोलवा | Kesar ki kyari main amar tiranga hai

केसर की क्यारी में अमर तिरंगा है - मोलवा

केसर की क्यारी में अमर तिरंगा है - मोलवा

गंधवानी (महेश सिसोदिया) - क्षत्रिय सिर्वी गणेशोत्सव समिति गंधवानी के द्वारा दुर्गा माता चौक सिर्वी मोहल्ले में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया..कार्यक्रम में सर्वप्रथम माँ सरस्वती व माँ आईजी के चित्र पर माल्यार्पण कर दिप प्रज्वलन किया गया ।इसके पश्च्यात अतिथि देवो भवः की परंपरा का निर्वहन करते हुए सभी मंचासीन अतिथियों का स्वागत किया गया। राष्ट्रीय कवि मुकेश मोलवा ने धारा 370 हटाने पर कविता पढ़ते हुए कहा कि 

वैष्णोदेवी की दूर हुई पीर भवानी जागी है
अमरनाथ हर्षाये पावन खीर भवानी जागी है।
सदाशिव के माथे पर ज्यो गंगा है
केसर की क्यारी में अमर तिरंगा है
पर खूब दाद बटोरी.. 

कवि सम्मेलन का प्रारम्भ कवयित्री आयुषी राखेचा द्वारा सरस्वती वन्दना से शुरू हुई..पिहू पंवार ने देशभक्ति की प्रस्तुति दी...जितेंद्र यादव कसरावद ने निमाड़ी कविता धन्य म्हारो निमाड़ धन्य यहां की रीत छै। का काव्यपाठ किया।ओजकवि हिमांशु हिन्द ने देश से निकाल फेको जिसे वन्देमातरम गीत नही चाहिए। पर खूब दाद बटोरी... अपनी अलग मस्ती के साथ शैलेन्द्र शैलू ने पढ़ा रामदेव बाबा के योग में है बड़ा दम...जब से कपाल भाती किया पेट हो गया कम। के साथ श्रोताओं को खूब लोटपोट किया... नाथद्वारा के कानू पण्डित ने कहा.. जिंदगी में लाख हो ऊंची उड़ान...माँ बाप के प्रति फर्ज मत भूलना।दिल्ली की कवयित्री आयुषी राखेचा ने बहुत ही शानदार काव्यपाठ किया मुक्तक छंद कविता पर खूब दादा बटोरी...कवि सम्मेलन का शानदार संचालक डुंगरपुर के हास्य कवि विपुल विद्रोही ने कहा  

केसर की क्यारी में अमर तिरंगा है - मोलवा

मेरा सुख तेरे दुःख का सामान हो रहा है, जलन की आग से हृदय श्मशान हो रहा है।

मैं चूड़ियों के व्यापार में , कंगाल हो गया हूँ।वो बेचता कफ़न है और धनवान हो रहा है।.अंतिम कवि के रूप में जब राष्ट्रीय कवि मुकेश मोलवा कविता पढ़ने आये तब घड़ी में 1 बज रहे थे किंतु श्रोता अपने प्रिय कवि को सुनने के लिए डटे हुए थे मोलवा ने अपने लगभग एक घन्टे के काव्यपाठ में 370 से लेकर राफेल..मिग 21 वीर अभिनन्दन सहित पुलवामा हमले के शहीदों पर काव्यपाठ किया तो पूरा सदन जय जय श्री राम...भारत माता की जय के नारों से गूंजता रहा.. बाजीराव पेशवा... सुभाषचंद्र बोस भगतसिंह कविता के पर युवाओं का जोश चरम पर था.. समय थम सा गया जब चंद्रशेखर आजाद कविता पर श्रोताओं ने अपने स्थान पर खड़े होकर तालियों से गगन गुंजायमान कर दिया।

हौंसला भी था जज्बा भी था जुनून था,हार नही मानी रगों ने हिंदुस्तानी खून था।कवि सम्मेलन में कभी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ तो कभी स्वछता की बात की गई।कार्यक्रम के अंत मे अभी कवियों को माँ आईजी का चित्र प्रतीक चिन्ह के रूप में समिति के सदस्यों द्वारा भेंट की गई।

कवी सम्मेलन में अतिथि रुप में गंधवानी थाना प्रभारी सूर्यवंशी,सिर्वी समाज प्रदेश महासभा, मीडिया प्रभारी मुकेश गहलोत डेहरी,सिर्वी समाज परगना उपाध्यक्ष शिवपाल आर्य ,तहसील अध्यक्ष मोहनलाल काग,नगर अध्यक्ष हुकुम पँवार,पूर्व अध्यक्ष ओमप्रकाश आर्य,महिला मंडल अध्यक्ष मनोरमा सोलंकी,महिला मंडल पूर्व अध्यक्ष विद्या जीजी लछेटा मंचासीन थे।कार्यक्रम का संचालन रवि काग ने किया।

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