झाबुआ उप चुनाव की तारीख का एलान होते ही जिले के सियासत दारों में मची हलचल | Jhabua up chunav ki tarikh ka elan hote hi jile ke siyasat

झाबुआ उप चुनाव की तारीख का एलान होते ही जिले के सियासत दारों में मची हलचल

झाबुआ उप चुनाव की तारीख का एलान होते ही जिले के सियासत दारों में मची हलचल

झाबुआ (अली असगर बोहरा) - विधानसभा उप चुनाव की आचार संहिता लागू 21 सितंबर से लागू हो गई। जिसके तहत 21 अक्टूबर को मतदान होन है तो वहीं 24 अक्टूबर को मतगणना होते ही झाबुआ को नया विधायक मिल जाएगा। निर्वाचन आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार 23  सितंबर से  झाबुआ विधानसभा उपचुनाव के लिए नामांकन भरने का कार्य शुरू हो जाएगा और 30 सितंबर तक नामांकन पत्र दाखिल किए जाएंगे। इसी के साथ झाबुआ के राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई। गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव 2018 में गुमानसिंह डामोर ने कद्दावर नेता कांतिलाल भूरिया के पुत्र डॉ. विक्रांत भूरिया को हराया था और उसके बाद लोकसभा चुनाव में कांतिलाल भूरिया के सामने चुनाव लड़ा और जीत के बाद वे सांसद बने तब उन्होंने झाबुआ विधानसभा के विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था और तब से यह सीट खाली है। बहरहाल, अचानक हुई घोषणा व चुनावी तारीख नजदीक होने से झाबुआ की सियासत गरमा गई है।  

उपचुनाव के लिए जोर आजमाइश का दौर शुरू

झाबुआ विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव के लिए 30 सितंबर तक नामांकन पत्र दाखिल होंगे और इसके लिए भाजपा व कांग्रेस दोनों ही पार्टियों में नेता माथापच्ची में लग गए हैं तो वहीं निर्दलीय भी इस बार फिर से अपना भाग्य आजमाने के लिए मैदान में उतरेंगे। सूत्र बताते हैं कि भाजपा कांग्रेस में बागियों की सुगबुगाहट अभी से दिखाई देने लगी है जो कि कहीं फिर से पार्टियों का खेल न बिगाड़ दे। कांग्रेस की ओर से पूर्व सांसद व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया एक सशक्त दावेदार के तौर पर देखे जा रहे हैं। लेकिन उनका गणित बिगाडऩे के लिए एक बार फिर से पूर्व विधायक जेवियर मेड़ा कांग्रेस से टिकट की जोड़तोड़ में जुट गए हैं, हालांकि विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी डॉ. विक्रांत भूरिया के सामने बागवत कर निर्दलीय चुनाव लड़े जिसमें जेवियर मेड़ा ने 36 हजार मत हासिल कर कांग्रेस को पराजय की ओर धकेल दिया था, जिसका खामियाजा कांग्रेस अभी भी भुगत रही है। ऐसे में कुछ कांग्रेसियों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जेवियर मेड़ा को टिकट नहीं देने का विरोध भी कर डाला है। हालांकि कांग्रेस में हेमचंद डामोर, कैलाश डामोर, आशीष भूरिया भी दावेदारी  जता चुके हैं। ऐसे में कांग्रेस एक बार फिर से गुटों में तब्दील होती नजर आ रही है। 

भाजपा दिखाई दे रही एकजुट

भाजपा उपचुनाव को लेकर फिर से शांत एवं एकजुट दिखाई दे रही है। भाजपाइयों को अभी अधिकृत प्रत्यााशी के नाम का इंतजार है। लेकिन भाजपा में पूर्व विधायक शांतिलाल बिलवाल, भानु भूरिया व सांसद जीएस डामोर की पसंद के एक युवा जिनका नाम एम से शुरू होता है को टिकट देने की मांग कर रहे हैं। हालांकि भाजपा आलाकमान इस सीट से सशक्त उम्मीदवार को उतारने के मूड में नजर आ रहा है ताकि झाबुआ की सीट जीतकर वह प्रदेश की कमलनाथ सरकार का खेल बिगाड़ सके। लेकिन मुख्यमंत्री कमलनाथ भी झाबुआ विधानसभा सीट को अपने हाथ से निकलना नहीं देना चाहते हैं। इसलिए पिछले एक माह में प्रदेश की कमलनाथ सरकार के आला मंत्रियों ने यहां सभाएं की है एवं मंच से कई घोषणाएं कर चुके हैं। इसी के साथ सूत्र बताते हैं कि झाबुआ मुख्यालय के मतदाता भी चाहेंगे कि प्रदेश में सरकार कांग्रेस की है तो उनका विधायक बनेगा तो झाबुआ में विकास कार्य अवरुद्ध नहीं होगा। अब देखना यह है कि आचार संहिता लागू होने और उपचुनाव का बिगुल बजने के बाद भाजपा व कांग्रेस के समर्थक नेता 30 सितंबर तक कितने नामांकन भरेंगे और वे नाम वापस नहीं लेते हैं तो यह चुनाव दिलचस्प होगा एवं शह और मत का खेल अभी एक माह तक चलेगा।

आदर्श आचार संहिता हुई लागू

निर्वाचन की तिथियां घोषित होते ही विधानसभा क्षेत्र में आदर्श आचार संहिता लागू होने के साथ ही धारा 144 भी लागू हो गई है। आदर्श आचार संहिता में शासकीय कार्यक्रम नहीं होने के साथ राजनैतिक पार्टियों को भी कोई भी सभा या रैली से पूर्व प्रशासन से अनुमति लेना होगी। वहीं धारा 144 के तहत कोई भी व्यक्ति बाजार में अषस्त्र, शस्त्र या समूह में नहीं घूम सकेगा। कोलाहल अधिनियम के तहत रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर प्रतिबंध रहेगा। इस दौरान प्रति मंगलवार को होने वाले जनसुनवाई कार्यक्रम भी नहीं होंगे। आदर्श आचार संहिता लगने के साथ ही जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रषासन भी पूरी तरह से मुस्तैद हो गया है और उप-चुनाव की तैयारियां जोर-शोर से शुरू कर दी है।


शहरभर में हटाए गए राजनैतिक बेनर - पोस्टर

उधर उप-चुनाव के तहत आदर्श आचार संहिता लगने के साथ नगरपालिका द्वारा शहरभर में राजनैतिक बेनर-पोस्टर और होर्डिग्स हटाने की कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई है। शनिवार सुबह से लेकर शाम तक नगरपालिका की लोक निर्माण एवं विद्युत शाखा ने शहर के बाजारों में घूमकर राजनैतिक पोस्टर-बेनर के साथ पुराने होर्डिंग्स-बेनर भी हटाकर उसे वाहन से जप्त कर नगरपालिका कार्यालय ले जाया गया। वहीं नगरपालिका कार्यालय में भी स्वयं अमले ने नगरपालिका अध्यक्ष के कक्ष के बाहर लगी तख्ती हटाने के साथ पार्षदों की लिखी सूची को भी ढका गया। नपा अमले ने यह कार्रवाई नगरपालिका सीएमओ एलएस डोडिया के निर्देश पर की गई ।

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