कमिश्नर श्री बहुगुणा ने जिले में विकास कार्यों का लिया जायजा | Commissioner ahri bahuguna ne jile main vikas karyo ka liya jayja

कमिश्नर श्री बहुगुणा ने जिले में विकास कार्यों का लिया जायजा

कमिश्नर श्री बहुगुणा ने जिले में विकास कार्यों का लिया जायजा

गांगुलपारा जलाशय में मत्स्य पालन का किया निरीक्षण

बालाघाट (टोपराम पटले) - जबलपुर संभाग के कमिश्नर श्री राजेश बहुगुणा ने अपने दो दिवसीय बालाघाट प्रवास के दौरान आज 29 सितम्बर को जिले के विभिन्न स्थानों का भ्रमण कर विकास कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने गांगुलपारा, मंगेझरी के जैराम टोला, डोंगरमाली, कोस्ते एवं मेंहदीवाड़ा में मत्स्य पालन, लाख प्रोसेसिंग, पशुपालन, झींगा पालन एवं हाथकरघा के कार्यों को देखा। इस दौरान कलेक्टर श्री दीपक आर्य, जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती रजनी सिंह, सहायक कलेक्टर श्री अक्षय तेम्रावाल, वारासिवनी एसडीएम श्री संदीप सिंह एवं अन्य विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे।
कमिश्नर श्री बहुगुणा ने गांगुलपारा जलाशय में प्राथमिक मछुआ सहकारी समिति सुरवाही द्वारा किये जा रहे मत्स्य पालन के कार्य को देखा और मत्स्य पालन के कार्य से प्रभावित हुए। श्री बहुगुणा गांगुलपारा जलाशय के प्राकृतिक सौन्दर्य को देखकर बहुत प्रसन्न हुए। उन्होंने कहा कि इस स्थान पर पर्यटन को विकसित करने की जरूरत है। गांगुलपारा में पर्यटन संबंधी गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जाये। इस जलाशय में मत्स्य पालन करने वाली मछुआ समिति को ही बोट भी उपलब्ध करा दी जाये। जिससे गांगुलपारा में नौकायन की सुविधा भी सुलभ हो जायेगी। यह जलाशय बालाघाट शहर के गरीब है और बैहर रोड के किनारे स्थित है। पर्यटन से इस क्षेत्र में रोजगार की संभावनायें बढ़ाई जा सकती है और स्थानीय युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है। 
उप संचालक मत्स्य उद्योग श्रीमती शशि प्रभा धुर्वे ने बताया कि प्राथमिक मछुआ सहकारी समिति सुरवाही द्वारा गांगुलपारा जलाशय में मत्स्य पालन का कार्य किया जा रहा है। इस समिति के 160 सदस्य है। इस समिति को वर्ष 2018 में अनुदान पर फंगेशियस प्रजाति की मछली पालन के लिए 30 लाख रुपये के केज अनुदान पर दिए गए हैं । इससे इस समिति को हर वर्ष 30 से 35 लाख रूपए की आय होगी। समिति के अध्यक्ष श्री बाबूलाल मरकाम ने बताया कि उनकी समिति को गांगुलपारा जलाशय से अच्छी खासी आय हो जाती है। इस वर्ष फंगेशियस मछली के उत्पादन से 35 लाख रुपये तक की आय होने का अनुमान है। गांगुलपारा में मछुआ सहकारी समिति सुरवाही को 50 हजार रुपये का अनुदान भी प्रदान किया गया।  
जैराम टोला में लाख प्रोसेसिंग यूनिट का निरीक्षण
कमिश्नर श्री बहुगुणा ने ग्राम मंगेझरी के जैराम टोला में सीके पारधी लाख प्रोसेसिंग यूनिट का निरीक्षण किया और लाख की प्रोसेसिंग व लाख से चुड़ियां बनाने के कार्य को देखा। वे इस कार्य से बहुत प्रभावित हुए। इस यूनिट के संचालक श्री सी के पारधी ने बताया कि उनके यूनिट में तैयार लाख कोलकाता सप्लाय की जाती है और वहां से विश्व के अन्य देशों को भी निर्यात की जाती है। उनकी यूनिट में लाख की प्रोसेसिंग के साथ ही महिलाओं को चुड़ियां बनाने का प्रशिक्षण भी दिया जाता है। यह एक अच्छा कार्य है और इसमें दाम भी अच्छे मिलते है। कलेक्टर श्री आर्य ने श्री पारधी से कहा कि वे बालाघाट जिले के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के ग्रामीणों को लाख की चुड़ियां बनाने का प्रशिक्षण दें। जिला प्रशासन उन्हें पूरी मदद करेगा। इस तरह के प्रशिक्षण के लिए आजीविका मिशन की ओर से शीघ्र ही कार्यक्रम बनाया जायेगा।

डोंगरमाली में झींगा पालन का निरीक्षण
कमिश्नर श्री बहुगुणा ने डोंगरमाली में कृष्णा मछुआ सहकारी समिति द्वारा तालाब में किये जा रहे झींगा पालन कार्य का भी निरीक्षण किया। समिति के अध्यक्ष श्री प्रभुदयाल शेंडे ने बताया कि उनकी समिति में 53 सदस्य है और उनकी समिति द्वारा पंचायत के तालाब को पट्टे पर लेकर मछली व झींगा पालन का कार्य किया जा रहा है। झींगा का बीज वे आंध्रप्रदेश से लेकर आते है। इस वर्ष उनके द्वारा 47 हजार रुपये का झींगा तालाब में डाला गया है। इस वर्ष 6 से 7 क्विंटल झींगा का उत्पादन होने का अनुमान है। झींगा 700 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बाजार में आसानी से बिक जाती है। उनके तालाब का झींगा जबलपुर एवं भोपाल भी आर्डर पर सप्लाय किया जाता है। इस अवसर पर कम्यूनिटी पौंड कल्चर योजना के अंतर्गत कृष्णा मछुआ सहकारी समिति डोंगरमाली को एक लाख 20 हजार रुपये का अनुदान भी प्रदान किया गया। 

कोस्ते में मुर्गी पालन एवं मेंहदीवाड़ा में मत्स्य पालन का निरीक्षण
कमिशनर श्री बहुगुणा ने ग्राम कोस्ते में एक हितग्राही के द्वारा उन्नत नस्ल के पशु पालन के साथ मुर्गी पालन के कार्य को भी देखा। उन्होंने ग्राम मेंहदीवाड़ा में गजानंद बापने के तालाब में किये जा रहे मत्स्य पालन के कार्य को भी देखा। गजानंद बावने ने अपने एक एकड़ के धान के खेत में मत्स्य पालन के लिए तालाब बना दिया है और पहली अपने इस तालाब में रोहू, कतला, मृगल, कामनकार्प एवं रूपचंद प्रजाति की मछलियां पाली है। उनके तालाब में मछलियों की विभिन्न प्रजातियों के 6 हजार नग बीज डाले गये है। कमिश्नर श्री बगुहुणा ने मेंहदीवाड़ा में गौसेवकों से चर्चा भी की और उन्हें पशुपालन को अपनाने की सलाह दी। उन्होंने मेंहदीवाड़ा में हाथकरघा के कार्य को भी देखा। इस दौरान बताया गया कि मेंहदीवाड़ा का हाथकरघा उद्योग कम उत्पादन एवं पर्याप्त आय नहीं होने के कारण दम तोड़ रहा है। यहां के बहुत से कारीगर सूरत एवं अन्य स्थानों पर चले गये है। बुनकरों की नई पीढ़ी भी हाथकरघा पर काम नहीं करना चाहती है। 
कमिश्नर श्री बहुगुणा ने कलेक्टर श्री आर्य से कहा कि वे बुनकरों को नये आधुनिक लूम दिलवाये। जिससे वे कम समय में अधिक कपड़ा बुन सकेगें। इससे उनकी कला को जीवित रखा जा सकेगा और उन्हें रोजगार भी मिलेगा। कलेक्टर श्री आर्य ने इस दिशा में शीघ्र ही कदम उठाने की बात कही।

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