भागवत कथा सुनने से व्यक्ति के दोष मिटते हैं - पंडित महेश गुरुजी | Bhagwat katha sunne se vyakti ke dosh mitte hai
भागवत कथा सुनने से व्यक्ति के दोष मिटते हैं - पंडित महेश गुरुजी
धामनोद (मुकेश सोडानी) - भागवत कथा से भक्त में सदगुणों का विकास होता है, वह काम, क्रोध, लोभ, भय से मुक्त होता है। यह प्रवचन मंगलवार को व्यंकटेश बालाजी मंदिर धामनोद में आयोजित भागवत सप्ताह ज्ञान गंगा महोत्सव में पंडित महेश गुरुजी ने कथा वाचन के दौरान दिए उन्होंने कहा कि समुद्र मंथन से तो एक बार में केवल चौदह रत्न मिले थे पर आत्ममंथन से तो मनुष्य को परमात्मा की प्राप्ति होती है। जो हरि का दास है वह सुख दुख से परे होकर हमेशा परमानंद की स्थिति में रहता है। उन्होंने प्रह्लाद और मीरा का उदाहरण देते हुए भक्त की महानता का वर्णन किया। श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन प्रहलाद चरित्र भरतोउपाख्यान अजमिलोपाख्यान के प्रसंग सुनाए जो आकर्षण का केंद्र रहा
जब-जब होई धर्म की हानि, बाढहि असुर अधम अभिमानी, तब-तब धरि प्रभु मनुज शरीरा, हरहि कृपा निज सज्जन पीरा आदि चौपाइयों से श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। कथावाचक पंडित महेश गुरुजी ने प्रसंग को आगे बढ़ाते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने जेल में वासुदेव के यहां अवतार लेकर संतो व भक्तों का सम्मान बढ़ाया। उन्होंने अपने अंदर बुराई विद्यामान न रहे इसके लिए संतों का सत्संग का मार्ग बताया। महाराजश्री ने कहा, कि जब भक्ति मार्ग में भक्त लीन रहता है तब प्रभु दर्शन होते हैं।
जब जब कीर्तन होता है तो पाप का अंधकार नष्ट हो जाता है
अपने प्रसंग में पंडित महेश गुरु जी ने बताया कि शुकदेव जी कहते हैं- परीक्षित! अंधेरे को दूर करने के अनेकों उपकरण हैं। बल्व, दीपक, टार्च, लालटेन परन्तु जब भुवन भास्कर का उदय होता है, तो समस्त उपकरण छोटे और फीके पड़ जाते हैं। उसी प्रकार से प्रायश्चित अनेकों है, कोई एकादशी व्रत करता है, कोई यज्ञ अनुष्ठान करता है। पर सर्वोत्तम प्रायश्चित है “भगवन्नाम संकीर्तन” नाम संकीर्तन का प्रकाश जब होता है तो पाप का अंधकार नष्ट हो जाता है। श्रीमद्भागवत महोत्सव के आयोजित इस कार्यक्रम में सैकड़ों श्रद्धालु बालाजी मंदिर पहुंच रहे हैं तथा भागवत कथा का रसपान कर रहे हैं जानकारी देते हुए राजेश पारीक नारायण मालू अनिल गर्ग आदि ने बताया कि सोमवार को व्रत भागवत वामन अवतार कथा श्री कृष्ण जन्म उत्सव मनाया जाएगा
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