आनंदेश्वर मन्दिर में चल रही श्रीमद भागवत सप्ताह सम्पन्न | Anandeshwar mandir main chal rhi shrimad bhagwat saptah sampann
आनंदेश्वर मन्दिर में चल रही श्रीमद भागवत सप्ताह सम्पन्न
बडवाह (गोविंद शर्मा) - मध्यप्रदेश के बडवाह स्थित श्री आनंदेश्वर मन्दिर में चल रही श्रीमद् भागवत सप्ताह के दौरान आचार्य पंडित चन्द्रप्रकाश जी शास्त्री ने भागवतजी के महत्त्व को समझाते हुए बताया कि जिस प्रकार भोजन में नमक जरूरी है उसी प्रकार इस मानव जीवन को सफलता पूर्वक जीने के लिये भगवान की भक्ति जरूरी हैं। बिना भक्ति के यह जीवन पशु समान हैं।
श्रीमद्भागवत कथा के दौरान राधा जी का जन्म उत्सव,, शिव पार्वती जी के विवाह का उत्सव के साथ व्यास पीठ पर विराजित पंडित श्री शास्त्री ने श्री राम के चरित्र का वर्णन,,भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की कथा भक्तो को सुनाई एवम् कृष्ण की बाल लीलाओ सहित गोवर्धन पर्वत की कथा को विस्तार से सभी भक्तो को श्रवण कराया। इस दौरान गोवर्धन पूजन एवं छप्पन भोग भी लगाया गया एवम् वृन्दावन के कलाकार पंकज ने दीपक नृत्य किया। कथा में महारास एव रुक्मणि मंगल की कथा के साथ मथुरा वृन्दावन के कलाकारो द्वारा सुन्दर मयूर नृत्य भी किया गया ।
श्रीमद् भागवत कथा के अंतिम दिवस व्दारकाधीस भगवान श्रीकृष्ण एवम् बालसखा सुदामा जी के मिलन की कथा व चित्रण के साथ श्रीमद् भागवत महापुराण का समापन हुआ।
इस दौरान भागवत वक्ता ने बताया कि भगवान भाव के भूखे हैं,उन्हे आपकी धन दौलत से कोई मतलब नही है। भक्त प्रह्लाद के पास कोई धन दौलत नही थी सिर्फ भाव एवं विश्वास था,सच्ची निष्ठा, प्रेम था तो भगवान को नृसिह रूप धारण कर खम्बे में से प्रकट होना पड़ा।
हनुमानजी की तरह दास बनकर प्रभु की सेवा करो , सुदामा जैसी यारी करो , राजा बलि की तरह आत्मा से अपना सर्वस्व अर्पण करो यह भगवत् भक्ति हैं ।
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