नेशनल लोक अदालत में 139 प्रकरणों का निराकरण करते हुए 89 लाख 23 हजार 427 रूपये के अवार्ड पारित | National lok adalat main 139 prakarano ka nirakran

नेशनल लोक अदालत में 139 प्रकरणों का निराकरण करते हुए 89 लाख 23 हजार 427 रूपये के अवार्ड पारित

नेशनल लोक अदालत में 139 प्रकरणों का निराकरण करते हुए 89 लाख 23 हजार 427 रूपये के अवार्ड पारित

अलीराजपुर (अली असगर बोहरा) - 14 सितंबर 2019 राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के आदेशानुसार एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार जिला अलीराजपुर एवं तहसील जोबट के समस्त न्यायालयों में जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अलीराजपुर श्री कृष्ण गोपाल सुरेका के मार्गदर्शन में 14 सितम्बर 2019 को नेशनल लोक अदालत का आयोजन हुआ। जिला न्यायाधीष/अध्यक्ष श्री कृष्ण गोपाल सुरेका द्वारा दीप प्रज्जवलित कर नेषनल लोक अदालत का शुभारंभ किया। इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अलीराजपुर सचिव श्री रवि झारोला, एडीजे श्री लखनलाल गोस्वामी, सीजेएम श्री विवेक कुमार चन्देल, जेएमएफसी सुश्री निकिता चौहान, जेएमएफसी (ट्रेनी जज) सुश्री मीनाक्षी रावत, जेएमएफसी (ट्रेनी जज) श्री अतुल यादव, जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री मुकेष कौषल, अधिवक्ता संघ अध्यक्ष श्री जगदीश गुप्ता, अधिवक्तागण, बैंकिंग कंपनी के मैनेजर, नगरपालिका एवं विद्युत विभाग के पदाधिकारी एवं न्यायालयीन कर्मचारी स्टाफ व पक्षकारगण उपस्थित रहे।

जिला न्यायालय अलीराजपुर एवं तहसील न्यायालय जोबट में 08 न्यायिक खण्डपीठ का गठन किया गया। लोक अदालत में न्यायालय परिसर में बैंक, नगरपालिका एवं विद्युत विभाग के काउंटर लगाये गये। लोक अदालत में न्यायालय के लंबित राजीनामा योग्य  कुल 571 प्रकरण रैफर किये गये, जिसमें से 67 प्रकरणों का सफलतापूर्वक निराकरण करते हुए कुल राशि रू 60 लाख 32 हजार 565 रूपये के अवार्ड पारित किये गये एवं प्रीलिटिगेशन के कुल 72 प्रकरणों का सफलतापूर्वक निराकरण करते हुए राशि रू 28 लाख 90 हजार 862 रूपये के अवार्ड पारित किये गये।

इस प्रकार नेशनल लोक अदालत में कुल 1802 प्रकरण रैफर किये गये, जिसमें से 139 प्रकरणों का सफलतापूर्वक निराकरण किया गया, जिसके अंतर्गत राशि रू 89 लाख 23 हजार 427 रूपये के अवार्ड पारित किये गये। लोक अदालत से निराकृत प्रकरणों के पक्षकारों को विभिन्न प्रजातियों के वृक्ष- आम, जामुन, कटहल, काजु, जाम, अवला, नीम, आदि को न्याय वृक्ष के रूप में वितरित किये गये।

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