आचार्य नरेन्द्र सूरीजी की सूरी मंत्र आराधना 12 सितंबर से हुई आरंभ, अब प्रन्यास प्रवर जिनेन्द्र विजयजी मसा समाजजनों को प्रवचनों का श्रवण करवाएंगे
झाबुआ (अली असगर बोहरा) - श्री ऋषभदेव बावन जिनालय में श्री नवल स्वर्ण जयंती चातुर्मास हेतु विराजित जैन धर्म दीवाकर, राजस्थान केसरी परम् पूज्य आचार्य नरेन्द्र सूरीष्वरजी मसा ‘नवल’ की सूरी मंत्र आराधना 12 सितंबर, गुरूवार से आरंभ हो गई है। इस दौरान आचार्य श्रीजी जप-तप में लीन रहेंगे। प्रवचन प्रन्यास प्रवर जिनेन्द्र विजयजी मसा ‘जलज’ द्वारा प्रवचन दिए जाएंगे।
जानकरी देते हुए श्री नवल स्वर्ण जयंती चातुर्मास समिति के अध्यक्ष कमलेश कोठारी एवं वरिष्ठ संतोष रूनवाल ने बताया कि 13 सितंबर, गुरूवार को प्रन्यास प्रवर जिनेन्द्र विजयजी मसा ने स्वतन सज्जाई पर प्रवचन दिए। प्रवचन सुबह 9.15 से 10.15 बजे तक चले। बाद आचार्य नरेन्द्र सूरीजी ने समाजजनों को मांगलिक श्रवण करवाई। चातुर्मास समिति अध्यक्ष श्री कोठारी एवं वरिष्ठ श्री रूनवाल ने बताया कि 12 सितसंबर से आचार्य श्रीजी की 1 महीने की सूरी मंत्र आराधना आरंभ हो गई है। यह आराधना आचार्य पद्वी प्राप्त करने के बाद की जाती है। बावन जिनालय में इस तरह की आराधना प्रथम बार होगी। इस दौरान आचार्य श्रीजी द्वारा प्रतिदिन व्याख्यान में ही दर्षन दिए जाएंगे। प्रवचन प्रन्यास प्रवर द्वारा दिए जाएंगे। 13 सितंबर को आचार्य एवं प्रन्यास प्रवर के दर्षन-वंदन हेतु मुंबई से ललित जैन पधारे, जिनके द्वारा दोनो मसा के दर्षन-वंदन बाद बाद चातुर्मास समिति की ओर से श्री जैन का बहुमान किया गया।
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