अंजड(शकील मंसूरी) - वर्षो की परंपरा को निभाते हुए श्रावण माह के अंतिम सोमवार को नगर के अति प्राचीन शिवालय मन्दिर में स्थापित भूतभावन भगवान भोलेनाथ विवरेश्वर महादेव का ऐतिहासिक शिवडोला सोमवार को निकाला गया।
शिवडोला शोभायात्रा में उपस्थित सभी श्रद्धालुओ का सर पर अष्टगंध चंदन लगा कर अभिवादन किया गया।
शिवडोला में सर्वप्रथम डीजे पर शिवधुनो पर थिरकते युवा, बाद अश्वारोही दल ध्वज पताका लिए चल रहे थे, गुजरात दाहोद के नगाड़ो का दल शानदार प्रस्तुति से मन मोह रहा था, झाबुआ का आदिवासी नृत्यदल में आदिवासी युवक युवतियों द्वारा हाथो में तीर कमान लिए अपनी वेशभूषा में मादल की थाप मनमोहक प्रस्तुति दी जा रही थी जो विशेष आकर्षण का केंद्र बना हुआ था व नृत्यदल ने अपनी शानदार प्रस्तुतियों से नगरवासियों का मनमोह लिया, वहा निमाड के प्रसिद्ध निमाड़ी ढ़ोलो का दल अपनी मधुर थाप पर सभी को थिरकने पर मजबूर कर रहा था, ढोल के ठीक पीछे मुम्बई की प्रसिद्ध गंधर्व म्यूजिकल ग्रुप के गायक कलाकारो द्वारा भोलेबाबा के सुमधुर भजनों की सुंदर प्रस्तुति दे कर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया, , भगवान महांकाल की झांकी में उज्जैन के ज्योतिर्लिंग के दर्शन करवाये, पीछे युवकों के कंधों पर सवार निकले भूतभावन भगवान विवरेश्वर महादेव का सुंदर डोला जिसको आकर्षक फूलों से सुसज्जित किया था तथा डोले पर आकर्षक रंग बिरंगी विद्युत सज्ज़ा सबका मन मोह रही थी। जगह-जगह भक्तों ने भगवान भोलेनाथ के दर्शन कर धर्मलाभ लिया केलाश पर्वत पर बैठे शिव दरबार की चलित झांकी शिवडोले की शोभा बड़ा रही थी।
शिव डोले में भगवान विवरेश्वर महादेव के दर्शन करने के लिए नगर के अलावा आस-पास के गाँवो से भी हजारो की संख्या में जनसैलाब उमड़ा रहा था।
शिव डोले का नगर भर में धार्मिक, सामाजिक, राजनैतिक संगठनों द्वारा जगह-जगह पुष्पवर्षा के साथ कुल्फी, भांग की लस्सी, केले, सेवफल, साबूदाने की खचडी, फलाहारी, शिकंजी, चाय आदि व्यंजनों के साथ स्वागत सत्कार किया गया