खरमेर नदी की पुलिया पर पानी, 10 घंटे बाधित रहा मार्ग
डिडौरी (पप्पू पड़वार) - समनापुर जनपद मुख्यालय के समीप बहने वाली खरमेर नदी में पानी की भारी आवक के चलते रविवार को बिछिया-डिण्डौरी रोड 10 घंटे तक आवागमन बाधित रहा। वहीं समनापुर के सरपंच विजयकांत पूषाम व अशोक शर्मा आदि ने बताया कि समनापुर के ऊपरी क्षेत्र में हो रही बारिश के चलते नदी का जल स्तर काफी बढ़ता जा रहा है। सोमवार तड़के पांच बजे से खरमेर की पुलिया पर चार फीट पानी आ गया और वाहनों का आवागमन ठप हो गया। नदी के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गई। जिला मुख्यालय डिण्डौरी व आसपास के क्षेत्र सेे बिछिया एवं छत्तीसगढ़ की ओर लोग जा नहीं सके। वहीं रोजमर्रा का कार्य करने वाले कर्मचारी तथा मजदूर भी यहां नहीं आ सके। नदी की पुलिया पर 4 फीट पानी आने के बाद समनापुर पुलिस प्रशासन की ओर से चौकसी बढ़ा दी गई थी लेकिन पुल पर कुछ पानी कम होता देख वाहन चालक लापरवाही पूर्वक वाहन पार करने लगे और पुलिस मूक दर्शक बने देखती रही।
निचले क्षेत्रों में बन रहे सरकारी भवन में जलभराव
जनपद मुख्यालय समनापुर में आर.ई.एस. विभाग के द्वारा लाखों रुपये खर्च करके डूब क्षेत्र में आजीविका परियोजना विभाग के लिए शासकीय भवन का निर्माण कराया जा रहा है। जिनमें बरसात के बाढ़ का पानी भरने से भवन एवं उसमें रखी सामग्री खराब हो रही है। ज्ञात हो समनापुर मुख्यालय खरमेर नदी के किनारे बसा हुआ है और यहां पर बरसात के दिनों में आने वाला बाढ़ का पानी ग्राम के विभिन्न हिस्सों में भर जाता है वहीं शासकीय भवन जो मुख्य रूप से नदी के काफी समीप हो रहे निर्माण कार्यों का ग्राम के सजग वर्ग ने प्रतिकार भी किया था लेकिन निर्माण कार्य नहीं रोका गया और भवन का निर्माणकार्य जारी है। सूखे मौसम में भले ही लोगों को इसका लाभ मिलेगा लेकिन बरसात के दिनों में पानी भरने से भवन खराब होगा।
मुख्यालय के बाजू से बहने वाली नदी के किनारे भवनों का निर्माण तीव्र गति से होता चला जा रहा है। जिस कारण जमीन सकरी होती चली जा रही है जिसके कारण थोड़ी सी ही तेज वारिश में पानी गांव की तरफ बढऩे लगता है।
इनका कहना है
समनापुर में विभिन्न निर्माण कार्य जो नदी क्षेत्र में कराये जा रहे है वो बरसात के दिनों में निश्चित ही डूब में आयेगें। जिससे भवन खराब हो जायेगें। इसलिये यहां पर भवन बनाया जाना शासन की राशि का दुरूपायोग करने के समान है। डूब क्षेत्रो में भवनों का निर्माण नहीं किया जाना चाहिये।
- राजेंद्र प्रसाद शुक्ला, वरिष्ठ नागरिक