सर्प मित्र स्वयं के संसाधन जुटाकर पकड़ रहे सांप
अब नगर परिषद कि बेरूखी से रहने को मोहताज
अब तक कई खतरनाक किस्म के साप पकड़कर जंगल में छोड़े चुके है
अंजड (हेमंत नाग्जिरिया) - निकाय क्षेत्र के नई सफाई कामगार बस्ती में रहने वाले महेन्द्र पाटीदार बीते लगभग वर्षों से सर्पमित्र बन लोगों को भयमुक्त कर रहे हैं लेकिन अभी तक उनके इस तारीफ के काबिल काम के लिए उन्हें शासन की ओर से ना तो किसी तरह की तव्वजो मिली है और ना किसी तरह के संसाधन। बताया जा रहा है कि महेन्द्र ने नगर के बाहर अपने परिवार के निवास के लिये ऐक झोपडी बनाई थी जिसे नगर परिषद ने अतिक्रमण का नाम देकर हटवा दिया है।
ऐक और नगर परिषद ने सैकडों लोगों को पट्टे वितरण कर उनका घर बसाया है वहीं नगर और आसपास के गांवों में बिना कोई पैसे लिये सर्प मित्र महेन्द्र अभी तक जहरीलें सांपों को पकड कर जंगल में छोड चुके है , और कई मर्ताबा फारेस्ट विभाग के अमले के आने से पहले हि खतरनाक अजगरों को पकडकर रेस्कयु कर वन विभाग के सुपुर्द कर चुके है। लेकिन परिषद को इस बन्दे के निःस्वार्थ काम की जानकारी तक नहीं है, जबकि महेन्द्र 15 अगस्त 26 जनवरी और न जाने कितने सार्वजनिक मंचों से अपने द्वारा दि जा रही निःशुल्क सेवा देने के कारण पुरुस्कृत भी किये जा चुके है। अब तक ना जाने कितने ही खतरनाक किस्म के सर्प को लोगों के घरों और खतरे की जगहों से पकड़कर जंगल में सुरक्षित जगह में छोड़ चुके हैं। महेन्द्र पाटीदार सर्पमित्र ने बताया कि वे व्यक्तिगत रुचि और खुद के बनाए संसाधनों क़ा उपयोग कर जन सेवा कर रहे हैं उनका मानना है कि मुझे व मेरे परिवार को निवास करने के लिये शासकिय जमिन पर पट्टा मिल जाये तो मैं अपने खर्च से मकान बना कर परिवार पाल सकता हुं। नगर परिषद द्वारा मुझे अभी तक पट्टा व अन्य मुलभुत सुविधाऐं नहीं दि गई है। वहीं वन विभाग यदि उन्हें संसाधन उपलब्ध करा देता है तो वे अपने काम को बेहतर तरीके से अंजाम दे सकते हैं।
स्थानीय सहायक वनपरिक्षेत्र अंजड अधिकारी उमाशंकर सोनी से सर्प मित्रों के लिए उपलब्ध संसाधनों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि सर्पो को सुरक्षित पकड़ने के सारे संसाधन विभागीय या डिविजनल स्तर पर रखे जाते हैं किसी को व्यक्तिगत तौर पर उपलब्ध नहीं कराये जाते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें यह जानकर प्रसन्नाता हुई कि इस क्षेत्र में ऐक युवा यह प्रशंसनीय कार्य कर रहे हैं।
मुझे जानकारी नहीं---
मुझे क्षेत्र के इन सर्पमित्रों की जानकारी नहीं है मैं बुरहानपुर से अभी यहाँ पदस्थ हुआ हुं। यदि महेन्द्र पाटीदार इस प्रशंसनीय कार्य के लिए वन विभाग से संसाधनों को लेकर किसी तरह की मदद चाहते हैं तो उन्हें विभाग के बडवानी वरिष्ठ कार्यालय के अधिकारीयों से इस संबंध में पत्राचार कर मिलना चाहिए मैं श्री पाटीदार पूरा सहयोग करूंगा ।
वन परिक्षेत्राधिकारी वृत्त उमाशंकर सोनी अंजड--- इस पुरे मामले में नगर परिषद सीएमओ अमरदास सैनानी ने बताया :- आज सर्प मित्र महेन्द्र पाटीदार के निवास के लिये पट्टे व अन्य सहायता के लिये पार्षद शरद ठाकुर और राकेश पाटीदार ने ऐक आवेदन कर मांग करी है महेन्द्र पाटीदार का पट्टों कि सुची में नाम है। एवं हमारे द्वारा उनकी हर संभव मदत कि जायेगी।
अब नगर परिषद कि बेरूखी से रहने को मोहताज
अब तक कई खतरनाक किस्म के साप पकड़कर जंगल में छोड़े चुके है
अंजड (हेमंत नाग्जिरिया) - निकाय क्षेत्र के नई सफाई कामगार बस्ती में रहने वाले महेन्द्र पाटीदार बीते लगभग वर्षों से सर्पमित्र बन लोगों को भयमुक्त कर रहे हैं लेकिन अभी तक उनके इस तारीफ के काबिल काम के लिए उन्हें शासन की ओर से ना तो किसी तरह की तव्वजो मिली है और ना किसी तरह के संसाधन। बताया जा रहा है कि महेन्द्र ने नगर के बाहर अपने परिवार के निवास के लिये ऐक झोपडी बनाई थी जिसे नगर परिषद ने अतिक्रमण का नाम देकर हटवा दिया है।
जहरीले साप पकड़ने में माहिर सर्प मित्र की हो रही उपेक्षा |
ऐक और नगर परिषद ने सैकडों लोगों को पट्टे वितरण कर उनका घर बसाया है वहीं नगर और आसपास के गांवों में बिना कोई पैसे लिये सर्प मित्र महेन्द्र अभी तक जहरीलें सांपों को पकड कर जंगल में छोड चुके है , और कई मर्ताबा फारेस्ट विभाग के अमले के आने से पहले हि खतरनाक अजगरों को पकडकर रेस्कयु कर वन विभाग के सुपुर्द कर चुके है। लेकिन परिषद को इस बन्दे के निःस्वार्थ काम की जानकारी तक नहीं है, जबकि महेन्द्र 15 अगस्त 26 जनवरी और न जाने कितने सार्वजनिक मंचों से अपने द्वारा दि जा रही निःशुल्क सेवा देने के कारण पुरुस्कृत भी किये जा चुके है। अब तक ना जाने कितने ही खतरनाक किस्म के सर्प को लोगों के घरों और खतरे की जगहों से पकड़कर जंगल में सुरक्षित जगह में छोड़ चुके हैं। महेन्द्र पाटीदार सर्पमित्र ने बताया कि वे व्यक्तिगत रुचि और खुद के बनाए संसाधनों क़ा उपयोग कर जन सेवा कर रहे हैं उनका मानना है कि मुझे व मेरे परिवार को निवास करने के लिये शासकिय जमिन पर पट्टा मिल जाये तो मैं अपने खर्च से मकान बना कर परिवार पाल सकता हुं। नगर परिषद द्वारा मुझे अभी तक पट्टा व अन्य मुलभुत सुविधाऐं नहीं दि गई है। वहीं वन विभाग यदि उन्हें संसाधन उपलब्ध करा देता है तो वे अपने काम को बेहतर तरीके से अंजाम दे सकते हैं।
स्थानीय सहायक वनपरिक्षेत्र अंजड अधिकारी उमाशंकर सोनी से सर्प मित्रों के लिए उपलब्ध संसाधनों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि सर्पो को सुरक्षित पकड़ने के सारे संसाधन विभागीय या डिविजनल स्तर पर रखे जाते हैं किसी को व्यक्तिगत तौर पर उपलब्ध नहीं कराये जाते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें यह जानकर प्रसन्नाता हुई कि इस क्षेत्र में ऐक युवा यह प्रशंसनीय कार्य कर रहे हैं।
मुझे जानकारी नहीं---
मुझे क्षेत्र के इन सर्पमित्रों की जानकारी नहीं है मैं बुरहानपुर से अभी यहाँ पदस्थ हुआ हुं। यदि महेन्द्र पाटीदार इस प्रशंसनीय कार्य के लिए वन विभाग से संसाधनों को लेकर किसी तरह की मदद चाहते हैं तो उन्हें विभाग के बडवानी वरिष्ठ कार्यालय के अधिकारीयों से इस संबंध में पत्राचार कर मिलना चाहिए मैं श्री पाटीदार पूरा सहयोग करूंगा ।
वन परिक्षेत्राधिकारी वृत्त उमाशंकर सोनी अंजड--- इस पुरे मामले में नगर परिषद सीएमओ अमरदास सैनानी ने बताया :- आज सर्प मित्र महेन्द्र पाटीदार के निवास के लिये पट्टे व अन्य सहायता के लिये पार्षद शरद ठाकुर और राकेश पाटीदार ने ऐक आवेदन कर मांग करी है महेन्द्र पाटीदार का पट्टों कि सुची में नाम है। एवं हमारे द्वारा उनकी हर संभव मदत कि जायेगी।