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| मऊगंज में बड़ा एक्शन: ₹6.67 लाख के गबन मामले में वार्डन पर निलंबन की तलवार; कलेक्टर ने दिया शोकाज, आपराधिक प्रकरण की तैयारी Aajatk24 News |
मऊगंज - जिले के एक छात्रावास में ₹6 लाख 67 हज़ार 699 रुपये के गंभीर गबन के मामले में प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। कलेक्टर संजय कुमार जैन ने वित्तीय अनियमितता की दोषी वार्डन शकुंतला देवी निरत के विरुद्ध निलंबन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके साथ ही वार्डन को शोकाज नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है और उनके विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने की भी तैयारी की जा रही है।
गबन और हाईकोर्ट में गलत शपथ पत्र
जानकारी के अनुसार, शकुंतला निरत को दुबगवां कुर्मियान बालिका छात्रावास का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था, जिसे 29 अगस्त 2025 के आदेश के तहत वापस ले लिया गया था। इसके बावजूद, जांच में सामने आया कि वार्डन ने 4 सितंबर 2025 को ₹6.67 लाख से अधिक का अनुचित आहरण (Withdrawal) कर लिया। मामला तब और गंभीर हो गया जब प्रभार वापस लिए जाने के निर्णय के खिलाफ वार्डन हाईकोर्ट गईं और जांच में पाया गया कि उन्होंने कोर्ट में गलत तथ्यों के आधार पर शपथ पत्र प्रस्तुत कर स्थगन आदेश प्राप्त किया था। कलेक्टर द्वारा 14 नवंबर को की गई सुनवाई में यह अनियमितता सामने आई, जिसके बाद वित्तीय अनियमितता को गंभीर मानते हुए शोकाज नोटिस जारी किया गया है।
कलेक्टर के सहायक पर भी रिश्वत के गंभीर आरोप
इस प्रकरण के समानांतर एक और गंभीर आरोप सामने आया है। कलेक्टर के सहायक कर्मचारी पंकज श्रीवास्तव पर दुबगवां कुर्मियान बालिका छात्रावास का प्रभार वापस दिलाने के नाम पर ₹1.12 लाख की रिश्वत लेने का आरोप है। पीड़िता की ओर से इस मामले की शिकायत रीवा संभाग के कमिश्नर से भी की गई है। हालांकि, बताया जा रहा है कि कथित तौर पर महिला को एक लाख रुपये वापस भी कर दिए गए थे। कलेक्टर मऊगंज ने स्पष्ट किया है कि रिश्वत के आरोपों की सत्यता जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगी, और उन्होंने इस मामले में भी स्वतंत्र जांच शुरू कर दी है।
कलेक्टर बोले- कड़ी वैधानिक कार्रवाई होगी
कलेक्टर संजय कुमार जैन ने सोमवार को एक प्रेस वार्ता में बताया कि पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच अपर जिला मजिस्ट्रेट (ADM) को सौंप दी गई है। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि जांच में दोषी पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति के विरुद्ध कड़ी वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
