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अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा द्वारा पितृ स्मृति में वृक्षारोपण: पर्यावरण चेतना और सांस्कृतिक धरोहर का सुसंगम! Aajtak24 News |
रीवा - पितृ देवताओं की स्मृति को वृक्षों के माध्यम से स्थायी रूप देने का एक अनूठा एवं भावपूर्ण अभियान आज यहाँ देखने को मिला। अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा, रीवा इकाई द्वारा शनिवार, 13 सितंबर 2025 को अमहिया थाना स्थित सेलिब्रेशन होटल के समीप स्थित हनुमान मंदिर के प्रांगण में एक विशेष वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सायं 4:30 बजे आरंभ हुए इस कार्यक्रम में समाज के गणमान्यजनों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस अवसर पर महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय तिवारी, जिला अध्यक्ष दलवीर द्विवेदी, राष्ट्रीय सचिव सुमन शुक्ला, प्रदेश संगठन मंत्री डॉ. सविता मिश्रा, जिला अध्यक्ष महिला मोर्चा रेखा तिवारी, जिला मंत्री नीतू पाठक, जिला संगठन मंत्री प्रभा मिश्रा, संभागीय संगठन मंत्री उमेश तिवारी, प्रदेश संगठन मंत्री महेंद्र मिश्रा, आरती मिश्रा, ममता मिश्रा, शहरी संगठन मंत्री जमुना चतुर्वेदी, संगठन महामंत्री डॉ. उत्तम मिश्रा, डॉ. एस.के. मिश्रा, विष्णु शर्मा, राम बक्श तिवारी, भास्कर तिवारी, ऋषि शुक्ला सहित अनेक पदाधिकारियों ने वृक्षारोपण किया।
यह कार्यक्रम केवल एक सामाजिक- सांस्कृतिक आयोजन मात्र नहीं, बल्कि एक गहन आध्यात्मिक एवं पारिस्थितिक संदेशवाहक था। पितृ देवताओं की स्मृति को वृक्ष रूपी जीवंत स्वरूप प्रदान कर महासभा ने न केवल एक सकारात्मक परंपरा का सूत्रपात किया, बल्कि पर्यावरण संरक्षण हेतु समाज में एक नई चेतना का संचार भी किया। महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय तिवारी ने इस अवसर पर कहा, पितृऋण से उऋण होने का यह एक सार्थक माध्यम है। वृक्ष लगाना केवल भूमि को हरा- भरा करना नहीं, बल्कि अपने पूर्वजों की स्मृति को एक जीवंत मंदिर में परिवर्तित करना है। यह वृक्ष आने वाली पीढ़ियों को केवल छाया ही नहीं, अपितु जीवनदायिनी प्राणवायु भी प्रदान करेंगे।
जिला अध्यक्ष दलवीर द्विवेदी ने कहा, आज का दिन ऐतिहासिक है। हमने पितृ देवताओं की स्मृति को वृक्षरूपी स्वरूप देकर एक श्रेष्ठ परंपरा की नींव रखी है। यह वृक्ष हमारे सांस्कृतिक मूल्यों और प्रकृति के बीच एक सुदृढ़ सेतु का कार्य करेंगे। राष्ट्रीय सचिव सुमन शुक्ला ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, यह पहल केवल वृक्षारोपण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक तपस्या है, एक साधना है जो मानव और प्रकृति के बीच की शाश्वत सम्बद्धता को पुनर्स्थापित करती है।
यह कार्यक्रम सामुदायिक सहभागिता और पर्यावरण के प्रति समर्पण का एक जीवंत उदाहरण था। अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के इस प्रयास से न केवल रीवा, बल्कि सम्पूर्ण प्रदेश में एक नई ऊर्जा का संचार होगा। जब सांस्कृतिक मूल्य और पारिस्थितिक दायित्व एक साथ मिलकर चलते हैं, तो निश्चित ही मानवता का कल्याण संभव है। अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा का यह प्रयास न केवल प्रशंसनीय है, बल्कि एक ऐसी प्रेरणा है जो समाज के प्रत्येक वर्ग को पर्यावरण रक्षा हेतु जागृत करती है। आशा है, यह पहल देशभर में अनुकरण का विषय बनेगी।