राजस्थान में अतिवृष्टि से 193 लोगों की मौत, 36 घायल: आपदा प्रबंधन मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने सदन में दी जानकारी Aajtak24 News

राजस्थान में अतिवृष्टि से 193 लोगों की मौत, 36 घायल: आपदा प्रबंधन मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने सदन में दी जानकारी Aajtak24 News

जयपुर - राजस्थान में इस बार मॉनसून ने जमकर कहर बरपाया है, जिससे प्रदेश में बड़े पैमाने पर जान-माल का नुकसान हुआ है। भारी बारिश के कारण अब तक 193 लोगों की अकाल मृत्यु हो चुकी है, जबकि 36 लोग घायल हुए हैं। यह चौंकाने वाली जानकारी आज विधानसभा के सदन में आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने दी।मंत्री ने सदन को बताया कि राजस्थान में इस साल सामान्य से 62.5 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। प्रदेश के 22 जिलों में असामान्य बारिश हुई है, जबकि 16 जिलों में औसत से ज्यादा बारिश हुई। केवल तीन जिले- बाड़मेर, डूंगरपुर और सलूंबर ही ऐसे हैं, जहां सामान्य बारिश हुई है। डॉ. मीणा ने बताया कि मौसम विभाग ने आज भी 30 जिलों में बारिश की चेतावनी जारी की है, जिसमें 28 जिले पूर्वी राजस्थान और 2 पश्चिमी राजस्थान के हैं।

नुकसान के आंकड़े

मंत्री मीणा ने अतिवृष्टि से हुए नुकसान का पूरा ब्यौरा सदन में पेश किया। उन्होंने बताया कि बारिश के कारण 347 छोटे और 279 बड़े पशुओं की मौत हुई है। इसके अलावा, 1,974 पक्के मकान, 752 कच्चे मकान और 190 झोंपड़े भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिससे कुल 3,522 परिवारों को नुकसान हुआ है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि सरकार की ओर से राहत कार्य जारी हैं। अब तक 26 मृतकों के परिजनों को कुल 104 लाख की सहायता राशि बांटी जा चुकी है, जबकि पशुधन हानि से पीड़ित 8 लोगों को ₹2.53 लाख की राशि दी गई है। आवासीय क्षति से प्रभावित 515 व्यक्तियों को भी ₹74 लाख की सहायता प्रदान की गई है।

विपक्ष का हंगामा और सरकार का आश्वासन

विधानसभा सत्र के दौरान विपक्षी विधायकों ने अतिवृष्टि प्रभावित लोगों को मुआवजा देने की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया, जिसके चलते स्पीकर को सदन की कार्यवाही भी एक बार स्थगित करनी पड़ी। हालांकि, मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने सदन को आश्वस्त किया कि अतिवृष्टि और बारिश से प्रभावित प्रत्येक व्यक्ति को SDRF (State Disaster Response Fund) के नियमों के मुताबिक राहत और मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार राहत और पुनर्वास कार्यों को प्राथमिकता दे रही है और नुकसान का आकलन कर अधिक से अधिक प्रभावितों को सहायता पहुंचाई जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी के आने के बाद अब 33 फीसदी नुकसान पर भी सहायता दी जाती है, जबकि पहले 50 फीसदी नुकसान होने पर ही सहायता मिलती थी। फिलहाल, राज्य सरकार गिरदावरी करवा रही है ताकि सभी नुकसान का सही-सही आकलन हो सके और प्रभावित लोगों को समय पर मदद मिल सके।

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