राहुल गांधी के मानहानि केस में SC की कड़ी टिप्पणी: 'सच्चा भारतीय ऐसी बात नहीं कहेगा Aajtak24 News

राहुल गांधी के मानहानि केस में SC की कड़ी टिप्पणी: 'सच्चा भारतीय ऐसी बात नहीं कहेगा Aajtak24 News

नई दिल्ली - राहुल गांधी के खिलाफ दायर मानहानि के मुकदमे की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उनके एक बयान पर तीखी टिप्पणी की है। यह मामला राहुल गांधी के उस बयान से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अरुणाचल प्रदेश में चीनी सेना ने भारतीय सैनिकों को मारा। इस बयान को भारतीय सेना का अपमान बताते हुए सीमा सड़क संगठन के पूर्व निदेशक उदय शंकर श्रीवास्तव ने उनके खिलाफ मानहानि का केस दायर किया था। सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल राहुल गांधी को राहत देते हुए इस मामले की सुनवाई तीन हफ्ते के लिए टाल दी है, लेकिन उनके बयान को लेकर कई अहम सवाल खड़े किए हैं।

कोर्ट ने उठाए गंभीर सवाल

जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस ए.जी. मसीह की बेंच ने सुनवाई के दौरान कई कड़े सवाल पूछे। उन्होंने राहुल गांधी को नसीहत देते हुए कहा कि अगर उन्हें कोई सवाल उठाना था, तो उन्हें संसद में अपनी बात रखनी चाहिए थी, न कि सोशल मीडिया पर। बेंच ने कहा, "आपको कैसे जानकारी मिली कि चीन ने भारत की 2000 वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर लिया है? इसके लिए आपके पास क्या विश्वसनीय स्रोत था? क्या सच्चा भारतीय ऐसी बात नहीं करेगा? जब सीमा पर संघर्ष चल रहा हो तो आप ऐसी बात कैसे कर सकते हैं? आपने संसद में सवाल क्यों नहीं पूछा?" कोर्ट ने यह भी साफ किया कि संविधान का अनुच्छेद 19(1) अभिव्यक्ति की आजादी देता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कोई भी व्यक्ति कुछ भी बोल सकता है।

राहुल गांधी के वकील का जवाब

सुप्रीम कोर्ट की इन टिप्पणियों पर राहुल गांधी की ओर से पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने भी जवाब दिया। उन्होंने कहा, "यह संभव है कि एक सच्चा भारतीय यह भी कहेगा कि 20 भारतीय सैनिकों को पीटा गया और उनकी मौत हो गई। यह चिंता की बात है।

केस का बैकग्राउंड

यह पूरा विवाद 9 दिसंबर, 2022 को भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद शुरू हुआ था। इसी घटना को लेकर 16 दिसंबर को राहुल गांधी ने एक बयान दिया, जिसे आपत्तिजनक माना गया। इस बयान के बाद उदय शंकर श्रीवास्तव ने मानहानि का मुकदमा दायर किया था। इससे पहले हाई कोर्ट ने भी राहुल गांधी की अर्जी खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। उच्चतम न्यायालय से उन्हें राहत तो मिली है, लेकिन उनके बयान पर कोर्ट की कड़ी टिप्पणियों ने इस मामले को और भी गंभीर बना दिया है।

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