विवादों में घिरे जिला आबकारी अधिकारी अनिल जैन हटाए गए, ग्वालियर मुख्यालय अटैच Aajtak24 News

 

विवादों में घिरे जिला आबकारी अधिकारी अनिल जैन हटाए गए, ग्वालियर मुख्यालय अटैच Aajtak24 News

रीवा  - रीवा के जिला आबकारी अधिकारी अनिल जैन को आखिरकार पद से हटा दिया गया है। उन्हें तत्काल प्रभाव से ग्वालियर मुख्यालय अटैच कर दिया गया है। यह कार्रवाई उन पर लगे गंभीर आरोपों के चलते की गई है, जिनमें शराब ठेकेदारों को अनुचित लाभ पहुँचाना, नियमों की अनदेखी करना और सरकारी राजस्व को नुकसान पहुँचाना शामिल है।

ठेकेदारों से सांठगांठ का आरोप

सूत्रों के अनुसार, अनिल जैन पर आरोप है कि उन्होंने कुछ चुनिंदा शराब ठेकेदारों को फायदा पहुँचाने के लिए आबकारी नियमों को ताक पर रखा। उन्हें विशेष छूटें दी गईं, जिससे सरकार को लाखों रुपये का नुकसान हुआ। विभाग की अंदरूनी जाँच में भी ठेकों के संचालन में बड़ी अनियमितताएँ सामने आई थीं।

जनप्रतिनिधियों और जनता का विरोध

अनिल जैन के कार्यकाल को लेकर स्थानीय विधायकों, जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों ने कई बार नाराजगी जताई थी। रीवा और मऊगंज में अवैध शराब की बिक्री के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी हुए थे। इन शिकायतों में भ्रष्टाचार और मिलीभगत के आरोप स्पष्ट थे, जो मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल और आबकारी आयुक्त कार्यालय तक पहुँचे थे।

उच्चस्तरीय जाँच के बाद हुई कार्रवाई

विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक, रीवा कलेक्टर और संभागीय आयुक्त को लगातार शिकायतें मिल रही थीं। इसके बाद सरकार ने गोपनीय जाँच कराई, जिसमें अनिल जैन की भूमिका संदिग्ध पाई गई। इसी जाँच रिपोर्ट के आधार पर उन्हें रीवा से हटाकर ग्वालियर मुख्यालय अटैच कर दिया गया है। ऐसी संभावना है कि उनके खिलाफ जल्द ही विभागीय जाँच भी शुरू हो सकती है।

अगली कार्रवाई की उम्मीद

रीवा और मऊगंज जिले में लंबे समय से अवैध शराब का कारोबार फल-फूल रहा था। अनिल जैन के हटाए जाने के बाद अब यह उम्मीद की जा रही है कि सरकार इस पूरे मामले की निष्पक्ष जाँच कराएगी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करेगी। यह घटना इस बात को दर्शाती है कि जब जिम्मेदार अधिकारी भ्रष्ट तंत्र का हिस्सा बन जाते हैं, तो उसका खामियाजा पूरे समाज को भुगतना पड़ता है।

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