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ग्रामीण नलजल योजनाओं को टिकाऊ बनाने पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव का जोर: 2027 तक हर घर को मिलेगा 'नल से जल' jal Aajtak24 News |
भोपाल - मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य में ग्रामीण नलजल योजनाओं के संचालन और संधारण को लेकर एक नई और स्थायी नीति बनाने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा है कि सरकार की प्राथमिकता केवल हर घर तक नल से जल पहुंचाना नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि यह सुविधा आने वाले वर्षों तक सतत और गुणवत्तापूर्ण रूप में उपलब्ध रहे। गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास में हुई एक उच्च-स्तरीय बैठक में उन्होंने "ग्रामीण नल-जल प्रदाय योजनाओं के संचालन एवं संधारण नीति" के प्रारूप पर विस्तार से चर्चा की।
जनभागीदारी और दीर्घकालिक प्रभाव
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ग्रामीण नलजल योजनाओं को सिर्फ निर्माण कार्य तक सीमित नहीं रखा जाना चाहिए, बल्कि उनके संचालन और रखरखाव के लिए ऐसी स्थायी व्यवस्था विकसित की जाए, जिससे ये योजनाएँ भविष्य में भी पूरी क्षमता से कार्य करती रहें। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि ग्राम स्तर पर सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा दिया जाए, जिससे ग्रामीण खुद भी इन योजनाओं की देखरेख कर सकें। डॉ. यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शुरू किए गए जल जीवन मिशन की सराहना करते हुए कहा कि इसने ग्रामीण भारत की तस्वीर बदल दी है और मध्य प्रदेश ने इस दिशा में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है।
नई नीति को मिली मंजूरी
बैठक में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा तैयार की गई "ग्रामीण नलजल योजना संचालन, संधारण एवं प्रबंधन नीति" को सक्षम स्वीकृति के बाद तीन वर्षों के लिए लागू करने का निर्णय लिया गया। इस नीति का उद्देश्य समूह जलप्रदाय योजनाओं की तरह ही एकल ग्राम नलजल योजनाओं का भी सुचारू और दीर्घकालिक संचालन सुनिश्चित करना है। इस नीति के अनुसार, ग्रामीण नलजल योजनाओं का संचालन पूर्व की भांति ग्राम पंचायत द्वारा ही किया जाएगा, लेकिन संधारण (रखरखाव) संबंधी कार्य लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा अनुबंधित एजेंसियों के माध्यम से किया जाएगा।
मध्य प्रदेश की प्रगति
प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी श्री पी. नरहरि ने बैठक में बताया कि जल जीवन मिशन के तहत मध्य प्रदेश ने शानदार प्रगति की है। अगस्त 2019 तक, प्रदेश में केवल 12.11 प्रतिशत यानी 13 लाख 53 हजार ग्रामीण परिवारों को ही नल से जल मिल रहा था। अब यह संख्या बढ़कर 70.41 प्रतिशत हो गई है, जिससे 78 लाख 64 हजार से अधिक ग्रामीण परिवार नल जल सुविधा से जुड़ चुके हैं। राज्य सरकार ने मार्च 2027 तक कुल 1 करोड़ 11 लाख 69 हजार ग्रामीण परिवारों तक नल से जल पहुंचाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। श्री नरहरि ने यह भी जानकारी दी कि समूह नलजल की 147 योजनाओं में से 52 योजनाएँ पूरी हो चुकी हैं, जिनसे 4 हजार 285 गांवों में जलापूर्ति की जा रही है, जबकि शेष 95 योजनाएं प्रगति पर हैं।
मुख्यमंत्री का विज़न
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह स्पष्ट कर दिया कि उनकी सरकार की प्राथमिकता केवल आंकड़े पूरे करना नहीं, बल्कि हर ग्रामीण परिवार को स्थायी रूप से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि पानी की गुणवत्ता पर लगातार निगरानी रखी जाए और योजनाओं के रखरखाव में कोई कोताही न बरती जाए। इस नीति के लागू होने से ग्रामीण क्षेत्रों में जल आपूर्ति की व्यवस्था और मजबूत होगी, जिससे ग्रामीणों के जीवन स्तर में सुधार आएगा।
उपस्थित गणमान्य व्यक्ति
बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रह्लाद सिंह पटेल, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्रीमती सम्पतिया उइके, मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय श्री नीरज मंडलोई, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री मनीष रस्तोगी, प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्रीमती दीपाली रस्तोगी, और प्रबंध संचालक जल निगम श्री के.वी.एस. चौधरी कोलसानी सहित कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।