नोएडा के डे-केयर में हैवानियत: सीसीटीवी फुटेज में 15 महीने की बच्ची से बर्बरता, अटेंडेंट ने सिर पटका और दांतों से काटा Aajtak24 News

नोएडा के डे-केयर में हैवानियत: सीसीटीवी फुटेज में 15 महीने की बच्ची से बर्बरता, अटेंडेंट ने सिर पटका और दांतों से काटा Aajtak24 News

नोएडा - बच्चों की देखभाल के लिए बनाए गए डे-केयर सेंटर अब सुरक्षित नहीं रहे। नोएडा के सेक्टर-137 स्थित एक डे-केयर में 15 महीने की मासूम बच्ची के साथ हुई बर्बरता ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है। इस दिल दहला देने वाली घटना का सीसीटीवी वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसे देखकर लोग आक्रोशित हैं। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि डे-केयर की एक महिला अटेंडेंट उस दुधमुंही बच्ची को बेरहमी से पीट रही है। वह उसे थप्पड़ मारती है, जमीन पर पटकती है, दीवार में उसका सिर मारती है और प्लास्टिक के बैग से भी मारती है। इस अमानवीय कृत्य से बच्ची गंभीर रूप से घायल हो गई।

ऐसे हुआ घटना का खुलासा

यह घटना सोमवार की है जब बच्ची की मां मोनिका उसे डे-केयर से वापस घर लाईं। घर पहुंचने पर बच्ची लगातार रो रही थी। जब मां ने उसके कपड़े बदले तो उसकी जांघों पर काटने के गहरे निशान देखकर हैरान रह गईं। उन्होंने तुरंत बच्ची को डॉक्टर को दिखाया, जिसने यह पुष्टि की कि यह घाव दांत से काटने के कारण हुए हैं। इसके बाद मां ने डे-केयर सेंटर की सीसीटीवी फुटेज देखी, जिसमें अटेंडेंट की क्रूरता कैद थी। फुटेज में साफ दिखा कि अटेंडेंट सोनाली ने बच्ची को न सिर्फ पीटा, बल्कि उसकी जांघों पर दांत से काटा भी था।

पुलिस ने दर्ज की एफआईआर, अटेंडेंट हिरासत में

पीड़ित बच्ची की मां मोनिका की शिकायत पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की। थाना सेक्टर 142 के प्रभारी निरीक्षक विनोद कुमार मिश्रा ने बताया कि गुरुवार को इस संबंध में एक एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस ने डे-केयर की संचालिका चारू और आरोपी अटेंडेंट सोनाली के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। अटेंडेंट सोनाली को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है और आगे की जांच जारी है। बताया जा रहा है कि जब मोनिका ने डे-केयर प्रमुख चारू से शिकायत की तो उन्होंने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया और उन्हें धमकी भी दी।

डे-केयर सेंटरों पर उठे सवाल

इस घटना ने एक बार फिर डे-केयर सेंटरों में बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह पहला मामला नहीं है जब बच्चों की देखभाल के नाम पर उनके साथ इस तरह की हैवानियत की गई हो। माता-पिता अक्सर नौकरीपेशा होने के कारण मजबूरी में अपने बच्चों को डे-केयर में छोड़ते हैं, लेकिन इस तरह की घटनाएं उनके भरोसे को तोड़ देती हैं। प्रशासन को डे-केयर सेंटरों की निगरानी और उनके लिए सख्त नियम बनाने पर विचार करना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

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