विशेष श्रृंगार, पूजन और भक्तिमय माहौल
सोमवार तड़के, मंदिर के कपाट खुलने से पहले बाबा विश्वनाथ का भव्य मंगला आरती और विशेष श्रृंगार किया गया। बाबा का जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक भी किया गया, जिसके बाद मंदिर को भक्तों के दर्शनों के लिए खोल दिया गया। पूरे मंदिर परिसर को सुंदर फूल-मालाओं और रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया था, जिससे इसकी सुंदरता देखते ही बन रही थी। मंदिरों के प्रांगण पूरी तरह से भक्तिमय हो गए थे, हर तरफ धूप, फूल और भजनों की गूंज सुनाई दे रही थी।
प्रशासन की अनूठी पहल: फूलों से स्वागत
इस अवसर पर प्रशासन की ओर से एक हृदयस्पर्शी पहल देखने को मिली। पुलिस कमिश्नर, जिलाधिकारी और मंदिर के सीईओ ने स्वयं भक्तों पर फूलों की वर्षा की, जिससे श्रद्धालुओं का दिल गदगद हो गया। भक्तों ने "हर हर महादेव" का उद्घोष कर इस पहल का स्वागत किया, जिससे पूरा परिसर शिवमय हो गया। लंबे इंतजार के बाद दर्शन पाकर श्रद्धालु प्रशासन और पुलिस व्यवस्था से बेहद संतुष्ट नजर आए।
कांवड़ यात्रा और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
हर साल की तरह इस बार भी कांवड़ यात्रा और भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने बड़े स्तर पर सुरक्षा और व्यवस्था के इंतजाम किए हैं। कांवड़ियों के लिए अलग रास्ते बनाए गए हैं और कुछ जगहों पर ट्रैफिक रूट बदले गए हैं ताकि दर्शनार्थियों को परेशानी न हो। आपातकालीन मेडिकल टीमें तैनात हैं, और पूरे इलाके की ड्रोन कैमरों से निगरानी की जा रही है। गोदौलिया चौराहा, गंगा घाट और विश्वनाथ मंदिर परिसर पर विशेष नजर रखी जा रही है। इसके साथ ही, क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT), एटीएस कमांडो, घुड़सवार पुलिस और पर्यटक पुलिस भी प्रमुख स्थानों पर तैनात हैं। चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है और आसपास के इलाकों की सीसीटीवी से निगरानी की जा रही है। वाराणसी के पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने बताया कि सभी अधिकारी मौके पर हैं और लाखों श्रद्धालु अनुशासित तरीके से दर्शन कर रहे हैं। सावन का पहला सोमवार काशी के लिए एक यादगार और आध्यात्मिक अनुभव लेकर आया, जहां आस्था, भक्ति और सुदृढ़ प्रशासनिक व्यवस्था का अद्भुत संगम देखने को मिला।