![]() |
TRF पर अमेरिकी प्रतिबंध से बौखलाया पाकिस्तान, भारत पर लगाए गंभीर आरोप aarop Aajtak24 News |
इस्लामाबाद/वाशिंगटन - अमेरिका द्वारा पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) को वैश्विक आतंकवादी संगठन घोषित करने के बाद पाकिस्तान बौखला गया है। उसने इस फैसले पर कड़ी नाराजगी जताते हुए आरोप लगाया है कि भारत इसका फायदा उठा सकता है। TRF वही संगठन है जिसने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी।
पाकिस्तान ने झाड़ा आतंकवाद से पल्ला, बताया लश्कर को 'निष्क्रिय'
अमेरिका के इस कदम पर पाकिस्तान ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय से जारी बयान में कहा गया है कि वह आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की निंदा करता है और शून्य सहिष्णुता तथा अंतर्राष्ट्रीय सहयोग उसकी नीति का आधार है। पाकिस्तान ने खुद को "आतंकवाद के विरुद्ध एक अग्रणी राष्ट्र" बताया और दावा किया कि उसने "वैश्विक शांति की प्राप्ति में अभूतपूर्व योगदान" दिया है, जिसमें एबी गेट बम विस्फोट के मास्टरमाइंड आतंकवादी शरीफुल्लाह की गिरफ्तारी भी शामिल है। बयान में यह भी कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम घटना की जांच अभी भी अनिर्णायक है। पाकिस्तान ने तो यहाँ तक दावा किया कि लश्कर-ए-तैयबा, जिसे उसने "प्रतिबंधित एक निष्क्रिय संगठन" करार दिया, के साथ कोई भी संबंध जमीनी हकीकत को झुठलाता है। पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने संबंधित संगठनों को प्रभावी ढंग से ध्वस्त कर दिया है, उनके नेतृत्व को गिरफ्तार किया है और उनके कार्यकर्ताओं को कट्टरपंथ से मुक्त किया है।
पाकिस्तान ने भारत पर लगाया 'फायदा उठाने' का आरोप
पाकिस्तानी विदेश कार्यालय ने इस अमेरिकी फैसले को अमेरिकी घरेलू कानूनों से संबंधित बताते हुए भी भारत पर इसका फायदा उठाने का आरोप लगाया। पाकिस्तान का कहना है कि भारत के पास ऐसा करने का पुराना इतिहास रहा है। हालांकि, यहां पाकिस्तान इस तथ्य को नज़रअंदाज़ कर गया कि दुनियाभर के कई खूंखार आतंकवादी संगठनों के तार उसके देश से ही जुड़ते हैं, और दुनिया के सबसे वांछित आतंकवादी ओसामा बिन लादेन भी उसी के देश में छिपा हुआ था।
आतंकवाद पर भारत-अमेरिका सहयोग हुआ मजबूत
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में TRF को वैश्विक आतंकवादी संगठन घोषित करने की पुष्टि की है। वाशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास ने अमेरिका के इस कदम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि यह दर्शाता है कि भारत-अमेरिका आतंकवाद-रोधी सहयोग कितना मजबूत है। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए हमले में 26 लोग मारे गए थे। द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने शुरुआत में इस हमले की जिम्मेदारी ली थी, लेकिन बाद में भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने पर उसने अपना बयान वापस ले लिया था। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि यह कार्रवाई पहलगाम हमला मामले में न्याय संबंधी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रुख पर अमल की अमेरिका की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि TRF और इससे जुड़े अन्य संगठनों को लश्कर-ए-तैयबा के नाम के साथ विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO) और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (SDGT) के रूप में शामिल किया गया है। विदेश मंत्रालय ने लश्कर-ए-तैयबा की FTO के रूप में स्थिति की भी समीक्षा की है और उसे बरकरार रखा है।