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नेपाल से भारत में घुसपैठ की फिराक में आतंकी: टॉप नेपाली अधिकारियों ने जताई चिंता chinta Aajtak24 News |
काठमांडू - नेपाल के शीर्ष अधिकारियों ने भारत को चेतावनी दी है कि पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन, जैसे कि लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद, नेपाल की खुली सीमा का इस्तेमाल भारत में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए कर सकते हैं। यह चेतावनी हाल ही में भारत द्वारा 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में आतंकी ठिकानों को तबाह करने के बाद आई है। नेपाल के राष्ट्रपति के सलाहकार सुनील बहादुर थापा ने काठमांडू में नेपाल इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल कोऑपरेशन एंड एंगेजमेंट (NIICE) द्वारा आयोजित 'दक्षिण एशिया में आतंकवाद: क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए चुनौतियाँ' विषय पर एक उच्च-स्तरीय सेमिनार में यह बात कही। उन्होंने पाकिस्तान आधारित आतंकवाद को क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा बताया, और कहा कि इन संगठनों ने भारत में कई हमलों की ज़िम्मेदारी ली है।
आतंकवाद का नेपाल की आंतरिक सुरक्षा पर भी असर
सेमिनार में नेपाल के पूर्व रक्षा मंत्री मिनेंद्र रिजाल ने इस बात पर जोर दिया कि भारत में होने वाले आतंकवादी हमलों का नेपाल की आंतरिक सुरक्षा पर भी सीधा प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को प्रायोजित करने से न केवल भारत बल्कि नेपाल और स्वयं पाकिस्तान भी प्रभावित हो रहा है। सेमिनार में सर्वसम्मति से पाकिस्तान को आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए जिम्मेदार ठहराया गया, जिसने दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) को कमजोर किया है और क्षेत्रीय एकजुटता को बाधित किया है।
पाकिस्तान पर सीधा हमला: 'आतंकवाद का केंद्र'
NIICE के निदेशक डॉ. प्रमोद जायसवाल ने पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ के हालिया बयान का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने स्वीकार किया था कि पाकिस्तान आतंकवादियों को पनाह और फंड देता है। जायसवाल ने स्पष्ट रूप से कहा कि पाकिस्तान दक्षिण एशिया में आतंकवाद का केंद्र रहा है। नेपाल के पूर्व मंत्री शिशिर खनाल ने भारत के ऑपरेशन सिंदूर की प्रशंसा करते हुए इसे सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ एक "साहसी और आवश्यक कदम" बताया। वहीं, पूर्व नेपाली प्रधानमंत्री के सलाहकार डॉ. दिनेश भट्टाराई ने पहलगाम हमले का जिक्र किया, जिसमें LeT द्वारा 26 नागरिकों की मौत हुई थी, जिसमें एक नेपाली नागरिक सुमित्रा कार्की भी शामिल थीं। इस हमले के जवाब में ही भारतीय सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसके तहत पाकिस्तान और POK में 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया।
खुली सीमा और आतंकी घुसपैठ की चिंता
नेपाल और भारत के बीच 1,751 किलोमीटर लंबी खुली सीमा और वीज़ा-फ्री व्यवस्था को लेकर भी सेमिनार में चिंता जताई गई। थापा के मुताबिक, आतंकवादी इसी व्यवस्था का फायदा उठाकर भारत में प्रवेश कर सकते हैं। नेपाल के सांसद शिशिर खनाल ने सुझाव दिया कि भारत और नेपाल को मिलकर सीमा प्रबंधन को मजबूत करना होगा, जिसमें हाईटेक निगरानी तकनीक, इंटेलिजेंस शेयरिंग और संयुक्त आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन शामिल होने चाहिए।
नेपाल में पहले भी दिखे हैं आतंकी कनेक्शन
यह पहली बार नहीं है जब नेपाल की ज़मीन पर आतंकी गतिविधियों का खुलासा हुआ है। द वीक की एक रिपोर्ट के अनुसार:
2017 में एक पाकिस्तानी आतंकवादी को सोनौली बॉर्डर पर SSB ने गिरफ्तार किया था।
1999 में काठमांडू से दिल्ली जा रही IC 814 फ्लाइट को आतंकियों ने हाईजैक कर लिया था।
18 मई 2025 को लश्कर-ए-तैयबा के नेपाल मॉड्यूल के प्रमुख की पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हत्या कर दी गई थी।
ये घटनाएँ भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती हैं और दोनों देशों के बीच मजबूत आतंकवाद-रोधी सहयोग की तत्काल आवश्यकता पर बल देती हैं। सेमिनार में आतंकवाद का एकजुट होकर मुकाबला करने और एक समर्पित क्षेत्रीय तंत्र की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया।