![]() |
5000 से ज़्यादा आबादी वाली पंचायतों में बनेंगे दो सामुदायिक भवन: मध्य प्रदेश सरकार का बड़ा ऐलान Aajtak24 New |
भोपाल, मध्य प्रदेश: प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा श्रम मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए बताया है कि मध्य प्रदेश में जिन ग्राम पंचायतों की आबादी 5 हजार से ज़्यादा है, वहाँ अब दो सामुदायिक भवन बनाए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, 10 से 12 ग्राम पंचायतों के क्लस्टर में एक उप यंत्री का कार्यालय भी स्थापित किया जाएगा। यह घोषणा उन्होंने बालाघाट जनपद पंचायत के ग्राम भरवेली में ₹64 लाख की लागत से बने नए ग्राम पंचायत भवन के लोकार्पण समारोह के दौरान की। भरवेली में नवनिर्मित सर्व-सुविधायुक्त ग्राम पंचायत भवन के उद्घाटन के मौके पर मंत्री श्री पटेल ने पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी और महान समाज सेविका माता सावित्री बाई फुले की प्रतिमाओं का भी अनावरण किया। उन्होंने विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को हितलाभ भी वितरित किए, जिससे स्थानीय समुदाय को तत्काल सहायता मिल सके।
हर ग्राम पंचायत को मिलेगा अपना भवन, विकास की नई दिशा
मंत्री श्री पटेल ने अपने संबोधन में इस बात पर ज़ोर दिया कि आने वाले समय में मध्य प्रदेश में कोई भी ग्राम पंचायत बिना अपने भवन के नहीं रहेगी। उन्होंने कहा कि राज्य में चरणबद्ध तरीके से ग्राम पंचायत भवन बनाए जा रहे हैं और उनके साथ ही सामुदायिक भवनों का निर्माण भी किया जा रहा है। यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और स्थानीय प्रशासन को बेहतर सुविधाएँ प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने विशेष रूप से उल्लेख किया कि भरवेली जैसी अधिक आबादी वाली पंचायतों को भी इस योजना का भरपूर लाभ मिलेगा, जिससे गाँव के विकास को गति मिलेगी।
जल संरक्षण और हरियाली के लिए व्यापक अभियान
श्री पटेल ने बालाघाट जिले की 'जल गंगा संवर्धन अभियान' में प्रदेश में तीसरा स्थान हासिल करने के लिए प्रशंसा की और जिला प्रशासन व जनप्रतिनिधियों को बधाई दी। उन्होंने बताया कि पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए मध्य प्रदेश में दो बड़े अभियान चलाए जाएंगे:
पौधारोपण अभियान: 15 जुलाई से 15 अगस्त तक सरकारी भूमि पर बड़े पैमाने पर पौधारोपण अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान की खासियत यह होगी कि इसमें केवल पौधे लगाए ही नहीं जाएंगे, बल्कि उनकी सुरक्षा (फेंसिंग) और गर्मियों में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करके उनके जीवित रहने की भी गारंटी ली जाएगी।
"एक बगिया मां के नाम" अभियान: 15 अगस्त से 15 सितंबर तक यह विशेष अभियान चलेगा। इसके तहत, ऐसे महिला समूहों को प्रोत्साहित किया जाएगा जिनके पास 1 एकड़ भूमि उपलब्ध है। इन समूहों को अपनी ज़मीन पर फलों के पौधे लगाने के लिए आर्थिक सहायता दी जाएगी। पहले वर्ष ₹2 लाख, दूसरे वर्ष ₹52 हज़ार और तीसरे वर्ष ₹48 हज़ार की राशि उनके कार्य की प्रगति के आधार पर प्रदान की जाएगी। यह पहल महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूती प्रदान करने का एक अनूठा प्रयास है।
इन योजनाओं और अभियानों से मध्य प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की गति तेज़ होने और स्थानीय समुदायों को बेहतर सुविधाएँ मिलने की उम्मीद है।